मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक नवजात लड़की की हत्या के मामले में डॉ. सुरेन्द्र नाहर को गिरफ्तार किया गया है। डॉ. सुरेन्द्र नाहर, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ का मंडल अध्यक्ष है। एक नर्स आसमां उर्फ फिरदौस को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने 14 साल की लड़की की गुपचुप डिलीवरी कराई और फिर उसकी संतान को बोरी में बंद करके रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दिया।
नर्स पूरे घटनाक्रम की सूत्र संचालक थी
इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। नवजात बच्ची 14 साल की 8वीं की एक छात्रा की थी। जिसकी गुपचुप तरीके से डिलीवरी कराई गई और फिर नर्स ने उसे बोरे में बंद कर स्कूटी से ऐशबाग इलाके में रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दिया था। बताया जा रहा है कि पीड़ित लड़की का उसके ही रिश्ते में ममेरे भाई से अफेयर था। लड़की के घरवालों ने रुपए देकर आरोपी नर्स आसमां उर्फ फिरदौस की मदद से नाबालिग की डिलीवरी करवाई और फिर नवजात बच्ची को ठिकाने लगवाया।
कोर्ट ने लड़की की मां, नर्स और डॉक्टर को जेल भेजा
पुलिस ने इस मामले में नाबालिग लड़की की मां, नर्स आसमां और डिलीवरी कराने वाले डॉ. सुरेन्द्र नाहर को गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि फिलहाल आरोपियों की रिमांड की जरूरत नहीं है। जिस मोपेड का इस्तेमाल बच्ची को ठिकाने लगाने के लिए किया गया था। उसे भी जब्त कर लिया है।
पुलिस ने कैसे पता लगाया
पुलिस ने आरोपी महिला की पहचान के लिए रोड मैप तैयार किया। बाग उमराव दूल्हा से नवीन नगर तक 40 CCTV कैमरों के फुटेज चेक किए गए। जिससे आरोपी महिला के घर तक पुलिस पहुंचने में कामयाब हो गई। सबसे पहले आसमां को गिरफ्तार किया गया। उसने सहयोगी डॉक्टर सुरेंद्र नाहर का नाम बताया। दोनों की निशानदेही पर नाबालिग मां के घर तक पुलिस पहुंची।
₹60000 एडवांस दिए थे
लड़की की नानी ने ही नर्स आसमां से संपर्क किया था। उन्हें उम्मीद थी कि प्रीमैच्योर डिलीवरी होने पर बच्चा मृत पैदा होगा। जिसे आसानी से ठिकाने लगा दिया जाएगा, लेकिन बच्चा स्वस्थ्य पैदा हुआ तो पीड़िता की मां ने उसे बोरी में डालकर आसमां को ही ठिकाने लगाने के लिए दे दिया। 60 हजार रुपए एडवांस भी दे दिए।
लड़की और उसके बॉयफ्रेंड की गिरफ्तारी नहीं
डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि नाबालिग से संबंध बनाने वाला भी बाल अपचारी है। केस में इन दोनों को भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि दोनों की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। पुलिस सूत्रों की माने तो दोनों की काउंसिलिंग कराई जा रही है। इसके बाद दोनों की गिरफ्तारी की जाएगी। नाबालिग अपनी मां के साथ जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में रहती है। उसके पिता दस साल पहले मां को छोड़ चुके हैं, वह अलग रहते हैं।
आरोपी डॉक्टर भाजपा का नेता
आरोपी डॉक्टर अशोका गार्डन में प्राइवेट क्लीनिक का संचालन करता है। जो पुलिस हिरासत में खुद को भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ का मंडल अध्यक्ष बता रहा है। उसने घर और क्लीनिक पर भी बीजेपी के पद के साथ नेम प्लेट लगा रखी है।
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