मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज सर्वप्रथम मोक्ष अमावस्या के दिन प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों का आंदोलन शुरू हो गया। सिर्फ 22 दिन के भीतर अतिथि शिक्षक वापस भोपाल लौट आए। इस बार पहले से ज्यादा संख्या में आए हैं। पूरा अंबेडकर मैदान खचाखच भर गया है। प्रदर्शनकारी अतिथि शिक्षकों ने इस बार स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलने से इनकार कर दिया, कहा कब्जा करने आए हैं और कब्जा करके ही जाएंगे। पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले अतिथि शिक्षकों को बलवाई करार देते हुए गोली चलाने की धमकी दी। प्रदेश अध्यक्ष ने आमरण अनशन का ऐलान कर दिया है।
इस बार हम वापस जाने वाले नहीं है: अतिथि शिक्षक संघ
अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसी पवार ने कहा- पिछली बार सरकार ने हमें गुमराह कर दिया था, हम उनकी बातों में आ गए थे। इस बार हम अपना स्थायीकरण लेकर जाएंगे। अगर सरकार अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे। हमारे साथ हजारों लोग भी बैठेंगे। मेरी तबीयत कुछ गड़बड़ लग रही है। यहां टैम्परेचर ज्यादा है, कई लोगों की तबीयत बिगड़ रही है। लेकिन, सरकार की तरफ से अभी तक कोई नहीं आया है। जितनी जल्दी हो सरकार हमारी मांगों को सुने। हम वापस जाने वाले नहीं हैं।
मैं पीछे नहीं हटने वाला हूं। मैं यहीं आमरण अनशन पर बैठूंगा। मैं अतिथि शिक्षकों के लिए जान देने के लिए तैयार हूं, लेकिन आप लोग किसी तरह का नियम कानून न तोड़े। मुख्यमंत्री जी जल्द ही हमारी मांगों पर निर्णय लें। हम यहां से वापस जाने वाले नहीं हैं।- केसी पवार, प्रदेशाध्यक्ष, अतिथि शिक्षक संघ
स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलने से इनकार
सीएम हाउस से अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया। इस पर शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसी पवार जाने से मना कर दिया। कहा- मुख्यमंत्री जी मिलेंगे तो हमारा डेलिगेशन जाएगा। हम शिक्षा मंत्री से मिलने नहीं जाएंगे। मान लो मुख्यमंत्री जी हमारे प्रतिनिधियों से नहीं मिलते हैं तो मैं आमरण अनशन करूंगा।
भोपाल पुलिस ने गोली मारने की धमकी दी
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के खिलाफ चल रहे अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने एक बैनर लगा दिया। इस बैनर में अतिथि शिक्षकों को "बलवाई" करार दिया गया। बैनर में लिखा था कि, बलवाईयों आपका मजमा गैरकानूनी करार दिया गया है। तीतर-बितर हो जाइए। कारगर गोली चलाई जाएगी"। इस बैनर के कारण स्थिति और गंभीर हो गई। आम नागरिकों द्वारा भी प्रतिक्रिया दी गई कि, सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ने वाले शिक्षक और अपराधियों में अंतर होता है।
बलवा क्या होता है
जब कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने के लिए, अथवा किसी अपराध को करने के लिए 5 से अधिक लोगों का समूह से लेकर हजारों लोगों की भीड़, एकत्रित हो जाए, और वह सामूहिक रूप से अपराध को कारित करने लगें। तब इस प्रकार की अपराध को बलवा और इस अपराध में शामिल भीड़ को "बलवाई" कहा जाता है।
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---02/10/2024 गांधी जयंती सत्य की जीत मे मध्य प्रदेश अतिथि शिक्षक संघ भोपाल अपनी मांगों को लेकर सरकार की धरा पर सरकार वादा निभाओ pic.twitter.com/A3yb4Oq5TK
— Gunvant Pandole (@GunvantPandole4) October 2, 2024
अतिथि शिक्षकों की मांगे
- अतिथि शिक्षक स्कोर कार्ड में प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें।
- अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षकों को 12 माह का सेवाकाल और पद स्थाई करें।
- 30% से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को एक और मौका दिया जाए।
- गुरुजियों की तरह अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियुक्ति की जाए।
- अतिथि शिक्षक भर्ती में वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री भोपाल में नहीं है
मध्य प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के कार्यालय से कंफर्म किया गया है कि, वह भोपाल में नहीं है। आंदोलन के समय नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में थे और नगर पालिका द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शामिल थे। ना तो वहां की पत्रकारों ने उनसे कोई सवाल किया और ना ही उन्होंने अपनी तरफ से कोई बयान दिया यहां तक की गाडरवारा और नरसिंहपुर जिले के अतिथि शिक्षकों ने कार्यक्रम स्थल पर किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन किया।