भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 84 में प्रावधान है कि कोई व्यक्ति किसी विवाहित स्त्री को बहला फुसला कर ले जाता है या उसे लालच देकर बंधक बनाकर रखता है तब वह व्यक्ति अपराधी होगा, लेकिन किसी अठारह वर्ष या उससे अधिक उम्र की अविवाहित स्त्री को विवाह या आदि अपकृत्य करवाने के लिए उसकी मर्जी के खिलाफ भागकर ले जाना, एक नई धारा के अंतर्गत अपराध होगा जानिए :-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 87 की परिभाषा
अगर कोई पुरुष किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध भागकर या अपहरण करके ले जाता है वह BNS की धारा 87 के अंतर्गत दोषी होगा।
इस अपराध के लिए आवश्यक तत्व है:-
1. स्त्री का अपहरण अवैध तरीके से विवाह करने के लिए किया गया हो।
2. स्त्री की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो और स्त्री अविवाहित हो।
3. स्त्री का अपहरण अवैध सम्भोग (अवैध शारीरिक संबंध) करने के लिए किया गया हो।
4. स्त्री का अपहरण भय या लोभ देकर किया गया हो।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 87 Provision of punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज होती है। अगर एफआईआर दर्ज न होने की स्थिति मे पीड़ित महिला या उसके परिवार वाले सेशन कोर्ट में परिवाद (शिकायत) भी दर्ज करवा सकते हैं। इन अपराध की सुनवाई सेशन कोर्ट द्वारा की जाती है एवं यह अपराध समझोता योग्य नहीं है। सजा - इस अपराध के लिए अधिकतम दस वर्ष की कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।