एक पुलिस अधिकारी को संज्ञेय अपराध में या किसी भी अपराध के संदेह में आरोपी को गिरफ्तार करने का कानूनी अधिकार प्राप्त है तथा आरोपी को अभिरक्षा में भी रख सकता है। यह कानूनी अधिकार एक कार्यपालक मजिस्ट्रेट से लेकर न्यायिक मजिस्ट्रेट को भी प्राप्त होते है, अर्थात एक तहसीलदार से लेकर डीएम एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट आरोपी को गिरफ्तार कर सकता है। जानिए :-
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 41 की परिभाषा
41. मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफ्तारी. - (1) जब कार्यपालक या न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में उसकी स्थानीय अधिकारिता के भीतर कोई अपराध किया जाता है तब वह अपराधी को स्वयं गिरफ्तार कर सकता है या गिरफ्तार करने के लिए किसी व्यक्ति को आदेश दे सकता है और तब जमानत के बारे में इसमें अंतर्विष्ट उपबंधों के अधीन रहते हुए. अपराधी को अभिरक्षा के लिए सुपुर्द कर सकता है।
2. कोई कार्यपालक या न्यायिक मजिस्ट्रेट किसी भी समय अपनी स्थानीय अधिकारिता के भीतर किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है, या अपनी उपस्थिति में उसकी गिरफ्तारी का निदेश दे सकता है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए वह उस समय और उन परिस्थितियों में वारंट जारी करने के लिए सक्षम है।
साधारण शब्दों मे कहें तो
1. कोई कार्यपालक या न्यायिक मजिस्ट्रेट अपनी स्थानीय अधिकारिता के भीतर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है, या अपनी उपस्थिति में उसकी गिरफ्तारी का निदेश दे सकता है, यदि मजिस्ट्रेट वारंट जारी करने के लिए सक्षम है।
2. मजिस्ट्रेट अपनी अधिकारिता के भीतर किसी अपराध के लिए व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है या गिरफ्तार करने के लिए किसी व्यक्ति को आदेश दे सकता है।
उदाहरण:
1. एक मजिस्ट्रेट ने देखा कि एक व्यक्ति एक हिंसक अपराध कर रहा है। मजिस्ट्रेट ने व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और अभिरक्षा में सुपुर्द कर दिया।
2. एक मजिस्ट्रेट को सूचना मिली कि एक व्यक्ति एक अपराधी गतिविधि में शामिल है। मजिस्ट्रेट ने व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को आदेश दिया।
मजिस्ट्रेट को यह अधिकार है:-
1. अपराध के समय व्यक्ति को गिरफ्तार करना।
2. अपराध के लिए वारंट जारी करना।
3. व्यक्ति को अभिरक्षा में सुपुर्द करना।
4. जमानत के बारे में निर्णय लेना।
लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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