BNSS 45 - कानून सशस्त्र बलों के सदस्यों की जिम्मेदारी में किस प्रकार संरक्षण देती है, जानिए

Bhopal Samachar
सशस्त्र बल या सेना किसी देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए गठित एक संगठित बल होता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश की स्वतंत्रता, संप्रभुता, और अखंडता की रक्षा करना होता है। सशस्त्र बलों में तीन मुख्य शाखाएं होती हैं:
1. थलसेना (आर्मी)
2. वायुसेना (एयरफोर्स)
3. नौसेना (नेवी)

सशस्त्र बलों के मुख्य कार्य हैं:

1. देश की रक्षा और सुरक्षा
2. सीमाओं की रक्षा
3. आतंकवाद और अपराध के विरुद्ध लड़ाई
4. प्राकृतिक आपदाओं में सहायता
5. देश के हितों की रक्षा करना
6. अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में भागीदारी
7. मानवीय सहायता और बचाव कार्य
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता,2023 में सशस्त्र बलों के संरक्षण के लिए क्या प्रावधान है, जानिए

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 45 की परिभाषा 

सशस्त्र बलों के सदस्यों का गिरफ्तारी से संरक्षण. - (1) धारा 29 और धारा 33 से धारा 35(1)(2) तक की धाराओं में (दोनों सहित) किसी बात के होते हुए भी. संघ के सशस्त्र बलों का कोई भी सदस्य अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने में अपने द्वारा की गई या की जाने के लिए तात्पर्पित किसी बात के लिए तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, जब तक केंद्रीय सरकार की सहमति नहीं ले ली जाती।

(2) राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा निदेश दे सकती है कि उसमें यथाविनिर्दिष्ट बल के ऐसे वर्ग या प्रवर्ग के सदस्यों को, जिन्हें लोक व्यवस्था बनाए रखने का कार्यभार सौंपा गया है, जहां कहीं वे सेवा कर रहे हो. उपधारा (1) के उपबंध लागू होंगे और तब उस उपधारा के उपबंध इस प्रकार लागू होंगे मानो उसमें आने वाले "केंद्रीय सरकार" पद के स्थान पर "राज्य सरकार" पद रख दिया गया हो । 

सरल शब्दों मे कहे तो इस धारा के अनुसार, सशस्त्र बलों के सदस्य अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने में की गई कार्रवाई के लिए गिरफ्तार नहीं किए जा सकते हैं, जब तक कि केंद्रीय सरकार की सहमति न हो।

उदाहरण के लिए :- 

एक सैन्य अधिकारी ने अपने कर्तव्यों के तहत एक अपराधी को गिरफ्तार किया। उसे इस कार्रवाई के लिए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उसने अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन किया था।

इस धारा के दो मुख्य बिंदु हैं:

1. सशस्त्र बलों के सदस्यों को उनके पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने में की गई कार्रवाई के लिए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
2. राज्य सरकार अपने सशस्त्र बलों के सदस्यों को भी इसी तरह का संरक्षण प्रदान कर सकती है, लेकिन इसके लिए उन्हें अधिसूचना जारी करनी होगी। 

उपधारा (1) में कहा गया है कि सशस्त्र बलों के सदस्यों को केंद्रीय सरकार की सहमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। उपधारा (2) में कहा गया है कि राज्य सरकार भी अपने सशस्त्र बलों के सदस्यों को इसी तरह का संरक्षण प्रदान कर सकती है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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