पुलिस अधिकारी का काम होता है आरोपी को गिरफ्तार करना और उसके बाद आरोपी को 24 घण्टे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना। पुलिस किसी भी आरोपी को गिरफ्तार करने अनुचित तरीके से रोककर नहीं रख सकती। अगर वह ऐसा करती है तो वह कोन से कानून का उल्लंघन करती है, जानिए :-
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 46 की परिभाषा
अनावश्यक अवरोध न करना। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को उससे अधिक अवरुद्ध न किया जाएगा। जितना उसको निकल भागने से रोकने के लिए आवश्यक है। साधारण शब्दों मे कहें तो:- गिरफ्तार व्यक्ति को अनावश्यक रूप से नहीं रोका जाएगा केवल भागने से रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे।
उदाहरण के लिए :-
1. पुलिस अधिकारी एक व्यक्ति को गिरफ्तार करता है। उसे हथकड़ी लगाई जाती है, लेकिन अनावश्यक रूप से पैरों में बेड़ी नहीं लगाई जाती है।
2. गिरफ्तार व्यक्ति को पुलिस स्टेशन ले जाया जाता है, लेकिन अनावश्यक रूप से उसे धक्के नहीं दिए जाते हैं।
इस धारा का उद्देश्य:-
गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करना, अनावश्यक उत्पीड़न से बचाव एवं पुलिस की जिम्मेदारी को दर्शाना है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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