एक तरफ कई लोग बोल रहे हैं कि मध्य प्रदेश में लाडली बहनें लावारिस होने वाली है। सरकार उनको दी जाने वाली 1250 रुपए आर्थिक सहायता बंद करने वाली है और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव लाडली बहनों के स्थाई रोजगार के प्रबंध कर रहे हैं। मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग के दौरान 15000 से ज्यादा लाडली बहनों को सरकारी नौकरी का इंतजाम किया गया।
महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग में नौकरियां
मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि, मध्य प्रदेश की 12670 मिनी आंगनवाड़ी को पूर्ण आंगनवाड़ी में उन्नयन को मंजूरी दी गई है। मिनी आंगनवाड़ी में सहायिका नहीं होती है। इसका उन्नयन होने के बाद अब इन आंगनवाड़ी केंद्रों में 12670 आंगनवाड़ी सहायिका और 476 आंगनवाड़ी सुपरवाइजर के पद स्वीकृत किए गए हैं। उपरोक्त सभी (12670+476=13146) पदों पर लाडली बहनों को नौकरी मिलेगी। इसके अलावा नवगठित तीन जिलों में जिला चिकित्सालय एवं 454 चिकित्सा संस्थाओं में 7900 रिक्त पदों पर भर्ती की जानी है। इनमें से लगभग 2015 पर लाडली बहनों को नौकरी दी जाएगी। इस प्रकार टोटल 15000 से ज्यादा लाडली बहनों को सरकारी नौकरी का इंतजाम कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश में महिला स्वरोजगार के लिए योजनाएं
- मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के तहत अपने स्टार्टअप के लिए लोन दिया जाता है। इसके अलावा सफलता सुनिश्चित हो इसलिए ट्रेनिंग में दी जाती है।
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत भी बिजनेस लोन दिया जाता है।
- मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्व सहायता समूह का गठन किया जाता है और महिलाओं के समूह को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इतना ही नहीं यदि वह कोई प्रोडक्ट बनाती है तो सरकारी आर्डर भी दिए जाते हैं।
- महिला उद्यमी योजना के तहत स्टार्टअप के लिए सस्ती ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करवाया जाता है।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
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