मध्य प्रदेश शासन, आर्थिक अपराध शाखा ने जबलपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी सहित कुल 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सभी आरोपियों पर सरकारी जमीन को फेक डॉक्यूमेंट के माध्यम से बेचने का आरोप है।
JDA ने मुआवजा दिया लेकिन प्रॉपर्टी ट्रांसफर नहीं हुई
डॉक्यूमेंट के अनुसार जबलपुर विकास प्राधिकरण ने कछपुरा में योजना क्रमांक- 6 और 41 की कुछ जमीन अधिग्रहित की थी। अधिग्रहण के विरुद्ध विद्या बाई प्यासी को मुआवजा दिया गया, लेकिन प्रॉपर्टी जबलपुर विकास प्राधिकरण के नाम पर ट्रांसफर नहीं की गई। जांच में पाया गया कि, JDA के CEO दीपक वैद्य, JDA को प्रॉपर्टी देने वाली विद्याबाई प्यासी और उनके बेटे ने मिलकर, जमीन किसी दूसरे के नाम ट्रांसफर कर दी।ईओडब्ल्यू के एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि शासन को ढाई करोड़ रुपये की क्षति पहुंचाने के मामले में जेडीए सीईओ दीपक वैद्य, विद्या बाई और उनके बेटों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच जारी है।
विद्या बाई प्यासी और उनके बेटों के खिलाफ मामला दर्ज
जांच में मिलने वाले सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल, ईओडब्ल्यू इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि इस धोखाधड़ी में शामिल सभी व्यक्तियों की पूरी भूमिका स्पष्ट हो सके और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़े। आरोपियों में दीपक वैद्य के अलावा गढ़ा मानस स्कूल के पास रहने वाली विद्या बाई प्यासी और उनके बेटे हरीश प्यासी, सौरभ प्यासी, प्रवीण प्यासी और आशीष प्यासी शामिल हैं।
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