मध्य प्रदेश के पेंशनर्स के लिए गुड न्यूज़ है। सन 2005 में 1 जनवरी से 1 जुलाई के बीच में जो इंक्रीमेंट दिया जाना था। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वह नहीं दिया गया था। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 1 महीने के भीतर इंक्रीमेंट आर्डर जारी करें।
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने जबलपुर हाईकोर्ट में 5 अक्टूबर को रिट पिटिशन दायर की थी। जिस पर शुक्रवार को फैसला आया है। जिसमें कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है। याचिकाकर्ताओं ने वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार पूर्व में फिक्सेशन कर चुकी है, पर लाभ नहीं दिया। इस पर कोर्ट ने तय सीमा में लाभ देने के निर्देश दिए हैं। एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी और प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने बताया कि मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 9 के अनुसार वेतनवृद्धि एक समान (1 जुलाई) करने के कारण कर्मचारियों को 6वें वेतनमान में 13 से 18 महीने बाद वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ मिला है।
केंद्र सरकार ने सन 2012 में ही संशोधन कर दिया था
यह मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने 6वें वेतनमान के नियम में 19 मार्च 2012 को संशोधन कर दिया। जिसमें कहा गया कि जिसकी वेतनवृद्धि 2005 में 1 जनवरी से 1 जुलाई के बीच में होती थी, उन सभी को 5वें वेतनमान में एक वेतनवृद्धि देकर 6वें वेतनमान में वेतन निर्धारण कर 1 जुलाई 2006 को वार्षिक वेतनवृद्धि दी जाए। जोशी और सक्सेना बताते हैं कि याचिका में हमने इसी बात को उठाया है।
UP छत्तीसगढ़ ने दिया लेकिन मध्य प्रदेश नहीं माना
वे बताते हैं कि उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए अपने कर्मचारियों का वेतन निर्धारण किया है, पर मध्य प्रदेश सरकार ने इसे नहीं माना। जोशी बताते हैं कि उन्होंने 22 मार्च 2012 को केंद्र सरकार के निर्देशों का हवाला देते हुए वेतनवृद्धि में सुधार के लिए ज्ञापन सौंपा था। इसे तत्कालीन वित्त मंत्री, प्रमुख सचिव वित्त और मुख्य सचिव ने अनुमोदित भी किया था, लेकिन आदेश जारी नहीं हुए। आखिर एसोसिएशन के अध्यक्ष आमोद सक्सेना इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए। सक्सेना बताते हैं कि हाईकोर्ट ने 1 हफ्ते में याचिकाकर्ताओं को निर्णय की सूचना देने और 4 हफ्ते में लाभ देने को कहा है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर केसी गिल्डीयार ने पैरवी की।
1500 से 3200 का लाभ
सक्सेना बताते हैं कि सरकार इस प्रकरण का हाईकोर्ट के आदेश अनुसार निराकरण करती है, तो पेंशनरों को कम से कम 1500 रुपए का पेंशन और कर्मचारियों को कम से कम 3200 रुपए का वेतन में लाभ होगा। विनम्र निवेदन 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें।