मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश कुमार सेमिल को लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक गौ सेवक की शिकायत पर कार्रवाई की गई। आरोप है कि प्रोत्साहन राशि में से कमीशन की मांग की जा रही थी।
डॉक्टर को 45000 में से 25000 कमीशन चाहिए था
जमकुंडा के गौ सेवक सुरेश यदुवंशी ने बताया कि उन्होंने मैत्री गौ सेवक होकर शासकीय योजना राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के तहत गोवंशीय/भैंसवंशीय पशुओं की कृत्रिम गर्भाधान का काम वर्ष 2021-22 में किया था। योजना के अनुसार उन्हें प्रोत्साहन के रूप में 45 हजार मिलने थे जिसको लेकर वह लंबे समय से डॉक्टर के चक्कर काट रहा था। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश कुमार सेमिल का कहना था कि मुझे 25 हजार रुपए कमीशन दो उसके बाद प्रोत्साहन राशि तुम्हें दी जाएगी।
पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय जुन्नारदेव में लोकायुक्त का छापा
जब कोई उम्मीद नहीं बची तो गौ सेवक ने जबलपुर में लोकायुक्त एसपी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की। शिकायत का सत्यापन करवाया गया। ऑडियो एविडेंस कलेक्ट किया गया। इसके बाद ट्रैप दल का गठन किया गया। लोकायुक्त जबलपुर टीम के इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके, इंस्पेक्टर मंजू किरण तिर्की, इंस्पेक्टर नरेश बेहरा एवं 5 अन्य सदस्यों तो छापामार कार्रवाई के लिए नियुक्त किया गया। शिकायतकर्ता गौ सेवक को केमिकल युक्त नोट दिए गए। पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय जुन्नारदेव में जैसे ही पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश कुमार सेमिल उन्हें रिश्वत की रकम अपने हाथ में ली, मौके पर सिविल ड्रेस में मौजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उन्हें पकड़ लिया। केमिकल टेस्ट पॉजीटिव पाए जाने के बाद पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश कुमार सेमिल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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