मध्य प्रदेश के गुना में जिला शिक्षा अधिकारी श्री चंद्रशेखर सिसोदिया, कलेक्टर द्वारा कराई गई एक जांच में दूसरी पाए गए। कलेक्टर ने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए ग्वालियर संभाग की कमिश्नर और लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के कमिश्नर को प्रस्ताव भेज दिया है।
गुना कलेक्टर ने किस मामले की जांच करवाई थी
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी 2022 के अनुसार किसी भी कर्मचारी का जिले के अंदर ट्रांसफर करने का अधिकार प्रभारी मंत्री को है परंतु 2023 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक सभी शासकीय कर्मचारियों के ट्रांसफर पर मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब केवल मुख्यमंत्री के समन्वय से ही किसी का ट्रांसफर हो सकता है, लेकिन गुना के जिला शिक्षा अधिकारी श्री चंद्रशेखर सिसोदिया ने शिक्षकों को मनचाहा ट्रांसफर देने के लिए एक नया रास्ता खोज निकाला। जी शिक्षक का ट्रांसफर करना होता है, उसे सस्पेंड कर देते हैं और फिर जिस स्कूल में उसे पोस्टिंग चाहिए, उसमें पोस्टिंग दे देते हैं। कलेक्टर को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने जांच करवाई। दिनांक 4 सितंबर को ADM के नेतृत्व में एक टीम ने जांच शुरू की। इस जांच में जिला शिक्षा अधिकारी श्री चंद्रशेखर सिसोदिया दोषी पाए गए हैं।
मामले जो सुर्खियों में रहे
शिक्षक सत्येंद्र दोहरे जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर सोनखरा स्कूल में पदस्थ थे। कलेक्टर तक शिकायत पहुंचाई गई कि वह स्कूल में शराब पीते हैं। कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया। बाद में जिला शिक्षा अधिकारी ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी और नई पोस्टिंग सिर्फ 5 किलोमीटर दूर रानीगंज स्कूल में कर दी गई।
शिक्षक जितेंद्र शर्मा गुना मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्कूल में पदस्थित थे। पहले सस्पेंड किया फिर जांच करके बहाल किया और फिर 15 किलोमीटर दूर स्थित है स्कूल में पोस्टिंग कर दी।
उपरोक्त के अलावा 300 ऐसे शिक्षा के जिन्होंने दो शादियां की। प्रमाण सहित शिकायत मिली। इसके कारण दूसरी क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया। नियम अनुसार सबको टर्मिनेट किया जाना चाहिए। जिला शिक्षा अधिकारी ने टर्मिनेशन के लिए नोटिस दिया लेकिन नोटिस की अवधि बीत जाने के बाद टर्मिनेशन की कार्रवाई नहीं की, बल्कि उनकी एक वेतन वृद्धि रोककर फाइल को क्लोज कर दिया।
दो शिक्षकों की तीसरी संतान वाले मामले में शिकायत हुई। प्रमाण प्रस्तुत किए गए। इसमें भी दोनों को बर्खास्त किया जाना था लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने नोटिस दिया और फिर फाइल को गायब कर दिया।
गुना के कलेक्टर डॉक्टर सत्येंद्र सिंह ने समाचार की पुष्टि करते हुए कहा है कि, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अनियमितताओं के मामले पाए गए हैं। कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा जा रहा है।
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