MADHYA PRADESH - यह दीपावली खतरनाक हो सकती है, अस्पतालों के लिए अलर्ट और पब्लिक के लिए एडवाइजरी

इस बार की दीपावली खतरनाक हो सकती है। मध्य प्रदेश के कई शहरों में लाखों लोग अज्ञात वायरस का शिकार हो रहे हैं। कई लोग 10 दिनों तक और कई लोग एक महीने तक वापस स्वस्थ नहीं हो पा रहे हैं। कोई दवाई काम नहीं कर रही है। ऐसी स्थिति में दीपावली के अवसर पर वायु प्रदूषण बढ़ जाने के कारण, वायरस के शक्तिशाली हो जाने की संभावना है। मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों के लिए अलर्ट और पब्लिक के लिए एडवाइजरी जारी करती है। 

ऑक्सीजन से लेकर वेंटीलेटर तक सब तैयार रखो: कमिश्नर का निर्देश

आयुक्त स्वास्थ्य, श्री तरुण राठी ने शीत ऋतु और आगामी त्योहारों के दृष्टिगत वायु एवं ध्वनि प्रदूषण-जनित बीमारियों के नियंत्रण एवं निदान के लिए स्वास्थ्य विभाग के अमले को आवश्यक तैयारियाँ रखने के निर्देश दिये हैं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित हो, साथ ही नेब्युलाइज़र, वेंटिलेटर जैसे उपकरण उपलब्ध रहें। जनरल ओपीडी, मेडिसिन, शिशु रोग, श्वसन रोग, हृदय रोग, और न्यूरोलॉजी ओपीडी में आवश्यक दवाइयों और सुविधाओं का प्रबंध करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके। आयुक्त स्वास्थ्य ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे समीर ऐप का उपयोग कर अपने अधीनस्थ क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की जानकारी रखें।

मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा पब्लिक के लिए एडवाइजरी जारी

वायु प्रदूषण विशेष रूप से उन समुदायों को प्रभावित करता है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है या जो लम्बे समय तक प्रदूषित वायु के संपर्क में रहते हैं। इनमें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, वृद्धजन, दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति, और बाहरी कार्यक्षेत्रों में कार्यरत लोग शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सुझाव दिया है कि ये लोग अधिक सतर्क रहें और प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें, विशेषकर सर्दियों के मौसम में जब वायु की घनत्व अधिक होती है और प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है।

नागरिकों के लिए स्वास्थ्य संबंधी एडवाइजरी जारी की गई है। विभाग ने सलाह दी है कि अत्यधिक प्रदूषण के समय सुबह और देर रात में दौड़ना, जॉगिंग जैसे शारीरिक व्यायाम से बचें। घर के अंदर लकड़ी, कोयला, गोबर के कंडे, या केरोसीन का उपयोग नहीं करना चाहिए। सफाई के लिए सूखी झाड़ू की बजाय गीले पोछे का उपयोग करना अधिक बेहतर होता है ताकि धूल कण वातावरण में न घुलें।

वायरस से बचना है तो डाइट चार्ट फॉलो करें

एडवाइजरी में बताया गया कि संतुलित आहार, ताजे फल-सब्जियों का सेवन कर पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट्स लेना जरूरी बताया गया है ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके। प्रदूषण-जनित स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण जैसे साँस में तकलीफ, खाँसी, आँखों में जलन या सीने में दबाव महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। 

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