MP NEWS - बांधवगढ़ में हाथियों का उग्र प्रदर्शन शुरू, 48 घंटे में आठ हाथियों की मौत का मामला

सभी जानते हैं कि हाथी रिश्तो के प्रति एक संवेदनशील प्राणी है और इंसानों की तरह समूह में रहते हैं। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बार फिर ऐसा ही दिखाई दे रहा है। 48 घंटे में 8 हाथियों की संदिग्ध मौत के बाद हाथियों के झुंड ने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वह काफी गुस्से में है और नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी मामले को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। 

मरने वाली सभी मादा हाथी हैं

बांधवगढ़ में 10 हाथियों के झुंड में से अब तक आठ हाथियों की मौत हो चुकी है। मौत की वजह का पता लगाने के लिए बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन से लेकर भोपाल और जबलपुर के वन विभाग के अधिकारी जुट गए हैं।वेटरनरी विश्वविद्यालय के स्कूल आफ वाइल्ड लाइफ से एक्सपर्ट की टीम बांधवगढ़ पहुंचकर आठ हाथियों का पोस्टमार्टम किया। यह सभी मादा हाथी हैं। अपशिष्ट की जांच में कोदो-कुटकी का अपशिष्‍ट भी मिला है, जिसमें बड़ी मात्रा में माइक्रो टाक्सिक होने की बात सामने आई है। प्रारंभिक जांच में हार्थियों की मौत की वजह यही बना है।

पिछले दिनों लगभग 10 एकड़ खेत की फसल खाई थी

जांच टीम के मुताबिक हाथियों के झुंड ने पिछले दिनों लगभग 10 एकड़ खेत में रखी काेदू-कुटकी की फसल खाई थी। जांच के दौरान पता चला है कि यह फसल, जंगल में रहने वाले किसानों को पिछले कुछ दिन पहले काटकर खेत में रखी थी, जिससे इनमें जहर के लक्षण होने की संभावना बढ़ गई। हालांकि अभी तक इसके पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं कि मौत की वजह काेदू-कुटकी ही रहा, पर हा पेट और अन्य अंगों में मिला माइक्रो टाक्सिक से मौत होना की आशंका जताई गई है।

जहर से हुई मौत, कहां से आया पता नहीं

प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि 48 घंटे के भीतर एक-एक कर आठ हाथियों ने दम तोड़ दिया। मंगलवार को सात हाथियों की मौत हुई थी। बुधवार को एक अन्य हाथी की जान चली गई। जबलपुर से पहुंचे प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने हाथियों की मौत को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए एसआइडी गठित कर दी है। वहीं एनटीसीए यानी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी दिल्ली की टीम भी बांधवगढ़ पहुंची।

पोखर, तालाब से पानी के सैंपल भी लिए गए हैं

जबलपुर स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के दो वेटनरी डा. अमोल रोकड़े और डा. निधि राजपूत के साथ तीन पीएचडी बांधवगढ़ में मौत की वजह जानने में जुटे हैं। जांच दल ने हाथियों के ब्लड, बिसरा आदि के सैम्पल लिए हैं। इनकी जांच अब वाइल्ड लाइफ की लैब में की जाएगी। पार्क के अंदर मौजूद भोजन सामग्री के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। जिनका सेवन हाथियों ने किया है। पोखर, तालाब से पानी के सैंपल भी लिए गए हैं। हालांकि मौत जहर से हुई, पर यह कहां से आया, इसका पता नहीं चला है।

विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!