भारत के विकास और सीमाओं की रक्षा के लिए जनता जो टैक्स देती है, उसे वाणिज्य कर विभाग द्वारा कलेक्ट करके सरकारी खजाने तक पहुंचाया जाता है। अर्थात यह डिपार्टमेंट देश का सबसे महत्वपूर्ण डिपार्टमेंट है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में इसी डिपार्टमेंट की दो महिला अधिकारियों को इंदौर लोकायुक्त की टीम द्वारा रिश्वत लेते हुए ट्रैप कर लिया गया।
GST NUMBER के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी
लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि वाणिज्य कर विभाग में पदस्थ विजया भीलाला (इंस्पेक्टर) एवं किरण जोशी (सहायक ग्रेड 3) ने आवेदक दीप सिंह बुनकर से जीएसटी नंबर के बदले 6000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। महावीर बाग कॉलोनी निवासी दीप सिंह बुनकर राधा कांट्रेक्टर नामक फर्म के मालिक हैं, जिन्होंने 23 अगस्त को जीएसटी नंबर के लिए आवेदन किया था। इसके बाद दोनों महिला अधिकारियों ने उनसे रिश्वत की मांग शुरू कर दी। शुरुआत में महिला अधिकारियों ने 6000 रुपए की रिश्वत मांगी, लेकिन बाद में 3500 रुपए पर समझौता हो गया। इसके बाद बुनकर ने लोकायुक्त से शिकायत कर दी।
वाणिज्य कर विभाग विजया भीलाला एवं किरण जोशी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण एक्ट
बुनकर की शिकायत पर लोकायुक्त टीम ने ट्रैप योजना बनाई। लोकायुक्त की टीम गुरुवार को ने दोनों अधिकारियों को उनके कार्यालय में रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। केमिकल टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद दोनों महिला अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में सहयोग करने की शर्त पर दोनों को जमानत दे दी गई। इस कार्रवाई में महिला अधिकारी सुनीता चौधरी, रेखा राजपूत, अंजलि पुरानिया सहित दो आरक्षक महिला कर्मी भी पुलिस लाइन से शामिल रही।
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