बाल विकास की अवधारणा और इसका अधिगम से संबंध (CONCEPT OF CHILD DEVELOPMENT AND ITS RELATION WITH LEARNING)। परंतु बाल विकास की अवधारणा को समझने से पहले वृद्धि, परिपक्वता और विकास को समझना आवश्यक है। बाल विकास की अवधारणा को शुरू करने के लिए यह सभी नींव की तरह से काम करेंगे। कृपया इस टॉपिक को पढ़ने से पहले इसी आर्टिकल के लास्ट में दी गई लिंक पर क्लिक करके पुराने टॉपिक को अवश्य पढ़े, जिससे आप बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र को समझने के लिए अपनी समझ को बेहतर बना पाएंगे।
MP TET VARG-3 Topic- विकास को प्रभावित करने वाले कारक और उनका अधिगम से संबंध
MPTET VARG 3,CDP का दूसरा टॉपिक है विकास और विकास को प्रभावित करने वाले कारक(Development and factors affecting the development) और CTET PAPAER 1 और का टॉपिक है- विकास की अवधारणा और सीखने के साथ इसका संबंध(Concept of development and its relationship with learning) तो चलिए आज इन्हीं टॉपिक के बारे में चर्चा करते हैं।
factors affecting the development and Their relationship with Learning
जैसा कि हम अब तक जान चुके हैं कि विकास एक सतत और जीवन पर्यंत (Continuous And Lifelong) चलने वाली प्रक्रिया है चूँकि यह एक बहुत ही लंबी यात्रा है तो इस विकास की यात्रा में आने वाला हर चरण या स्टॉपेज चाहे वह आंतरिक हो या बाहरी इसे किसी ना किसी रूप से प्रभावित अवश्य करेगा।
बाल विकास को प्रभावित करने वाले आंतरिक व बाह्य कारक
External and Internal factors affecting the child development
बाल विकास को प्रभावित करने वाले आंतरिक कारकों में मुख्य रूप से वंशानुगति (Heridity), शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health), बुद्धि (Intelligence), संवेगात्मक कारक (Emotional Factors) आदि हैं। जबकि बाहरी कारकों में मुख्य रूप से वातावरण (Environment), गर्भावस्था के दौरान माता का स्वास्थ्य, परिवेश, जीवन की घटनाएं, भौतिक वातावरण, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति आदि मुख्य हैं।
शिक्षणशास्त्र में विकास और अधिगम का महत्व
Role of Development and Learning in Pedagogy
चूँकि विकास और अधिगम (Development and Learning) परस्पर संबंधित है, इसीलिए विकास का प्रभाव अधिगम पर भी पड़ता है और अधिगम का प्रभाव, विकास पर भी पड़ता है। विकास की अवस्थाओं के अनुसार ही, अधिगम होता है परंतु यदि विकास ही सही ढंग से ना हो तो अधिगम भी प्रभावित होगा।विकास और अधिगम के इस घनिष्ठ संबंध को देखते हुए पाठ्यचर्या का विकास ( Development of Curriculum ) इस तरह से किया जाना चाहिए जो बालक के शारीरिक व मानसिक विकास के अंतरसंबंधों के अनुकूल हो। इस प्रकार की पाठचर्या को ही बाल केंद्रित पाठचर्या ( child centred curriculum) कहा जाता है, ऐसी पाठचर्या का निर्माण बाल विकास की विभिन्न अवस्थाओं की डिमांड के अनुसार किया जाता है।
विकास के प्रकार - TYPES OF DEVELOPMENT
विकास का अर्थ होता है, सर्वांगीण विकास। जो कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, भाषाई, चारित्रिक, नैतिक हर प्रकार का होता है।
शारीरिक विकास या वृद्धि क्या है - what is physical development
इन सभी प्रकारों में से शारीरिक विकास को हम वृद्धि (Growth) कह सकते हैं और कुछ हद तक मानसिक विकास भी वृद्धि का ही भाग होता है, परंतु शारीरिक विकास एक निश्चित उम्र तक ही होता है। मानसिक विकास, शारीरिक विकास के साथ तो होता ही है, परंतु यह और भी आगे चलता रहता है।
मनोशारीरिक विकास क्या है- what is psycho physical development
शारीरिक विकास के अलावा बाकी के सभी विकास के प्रकार जैसे मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, भाषाई, चारित्रिक, नैतिक यह सभी मिलाकर मनो शारीरिक यानी साइकोफिजिकल विकास (psycho physical development) कहलाते हैं। जिनका की विकास निरंतर चलता रहता है कभी रुकता नहीं है।
टॉपिक का सार- GIST OF THE TOPIC
अपने सामने पहले छोटा लक्ष्य रखें और फिर धीरे-धीरे उस GOAL के लिए खुद भी आगे बढ़े और उसे लक्ष्य को भी बढ़ाते रहे । कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि एक सामान्य बालक या बालिका वृद्धि, परिपक्वता, अधिगम और विकास के बाद ही अपने जीवन में आगे बढ़ सकता है।
KEEP GROWING,MATURING,LEARNING AND DELELOPING ALWAYS! ✒ श्रीमती शैली शर्मा (MPTET Varg1(BIOLOGY),2(SCIENCE),3 & CTET PAPER 1,2(SCIENCE)-QUALIFIED
इस टॉपिक से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न हम अगले आर्टिकल में लेकर आएंगे।
MP TET- CTET PREVIOUS NOTES LINKS
- MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-1 IN HINDI
- MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-2 IN HINDI
- MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-3 IN HINDI
- MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-4 IN HINDI
- MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-5 IN HINDI
- MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-6 IN HINDI
- MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-7 IN HINDI
- MPTET VARG 3, CTET PAPER 1 CDP NOTES-8 IN HINDI
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