किसी अज्ञात शक्ति की चेतावनी के बाद 50 साल पहले पृथ्वी से चंद्रमा के लिए सभी मानव मिशन रोक दिए गए थे। अब एक बार फिर NASA ने चंद्रमा पर जाने का फैसला किया है। NASA के वैज्ञानिकों के लिए चंद्रमा पर 9 प्लॉट मार्क किए गए हैं, जहां पर मानवयान को उतारा जा सकता है। इस बार चंद्रमा पर पानी और जीवन के नए स्रोत के बारे में पता किया जाएगा।
इस बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सेफ लैंडिंग करेंगे
NASA के मून टू मार्स प्रोग्राम ऑफिस की सहायक उप-प्रशासनिक अधिकारी, लेकीशा हॉकिंस ने बताया कि, इस बार हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सेफ लैंडिंग करेंगे। यह पहली बार होगा जब चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर मानव की उपस्थिति दर्ज होगी। यहां पर कुछ ऐसे क्षेत्र भी है जहां कभी भी सूरज की रोशनी नहीं पड़ती। नासा के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ऐसे क्षेत्रों में जल संरचनाएं हो सकती है।
चंद्रमा पर अब तक कितने मानव मिशन हुए हैं
चंद्रमा पर अब तक टोटल छह मानव मिशन सफल हुए हैं। सभी मिशन NASA के द्वारा APOLO कार्यक्रम के तहत हुए थे। लिस्ट इस प्रकार है:-
APOLO 11 - जुलाई 1969
APOLO 12 - नवंबर 1969
APOLO 14 - जनवरी 1971
APOLO 15 - जुलाई 1971
APOLO 16 - अप्रैल 1972
APOLO 17 - दिसंबर 1972
इनके द्वारा चंद्रमा की मिट्टी, पत्थर और चट्टानों को एकत्रित किया गया। चंद्रमा की सतह का अध्ययन किया गया और चंद्रमा की जमीन पर कई प्रकार के वैज्ञानिक परीक्षण किए गए। यदि अपडेट्स को ध्यान से देखेंगे तो समझ में आएगा कि हम हर साल दो बार चंद्रमा पर जा रहे थे। एक प्रकार से अप डाउन करने लगे थे।
NASA ने चंद्रमा पर मानव मिशन क्यों बंद कर दिया था
पहली बार मानव पृथ्वी के बाहर किसी दूसरे ग्रह की जमीन पर पहुंचे थे। हम बहुत उत्साहित थे और चंद्रमा की एक-एक इंच का अध्ययन करना चाहते थे। नासा ने कई प्रकार के कारण बात कर अचानक चंद्रमा पर मानव मिशन बंद कर दिए। अमेरिका के अलावा कोई भी दूसरा देश चंद्रमा तक पहुंचने में सफल ही नहीं हो पाया। कहा जाता है कि जब नासा के वैज्ञानिक बार-बार चंद्रमा पर जाने लगे तो चंद्रमा की सिक्योरिटी सिस्टम से उन्हें कुछ संकेत मिले। वैज्ञानिकों का मानना है कि, वह कोई चेतावनी थी। बताया जाता है कि यही मूल कारण है, NASA ने चंद्रमा पर अपने मानव अभियान को बंद कर दिया। अब 50 साल बाद एक बार फिर Artemis कार्यक्रम के तहत चंद्रमा पर मानवों को भेजने की तैयारी चल रही है।