भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कलेक्टर श्री संजीव श्रीवास्तव पर उनके अधीन पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी एवं तहसीलदार माला शर्मा ने गंभीर आरोप लगाए हैं, हालांकि उनके विरुद्ध भी कुछ गंभीर आरोप हैं।
तहसीलदार ने महिला आयोग से कलेक्टर की शिकायत की
भिंड जिले की मौ तहसील में पदस्थ तहसीलदार माला शर्मा ने 18 सितंबर 2024 को राज्य महिला आयोग को इस बारे में लेटर भी लिखा है। उन्होंने लिखा, 'भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। मुझे 4 महीने में 10 से ज्यादा नोटिस थमाए गए हैं। जमीन खरीदने का आरोप भी लगाया जा रहा है। मैंने या मेरे पति ने कोई जमीन नहीं खरीदी है। जिस जमीन की बात की जा रही है, वो किसी दूसरे व्यक्ति ने खरीदी है। उसका नाम मेरे पति से मिलता है लेकिन पिता के नाम अलग हैं। मैं पति का आधार कार्ड भी दे चुकी हूं।'
तहसीलदार माला शर्मा ने पत्रकारों को बताया
अब मेरे अधिकार छीनकर प्रताड़ित किया जा रहा है। मौ तहसील में दो सर्कल हैं। एक मौ, दूसरा देहगांव। मौ में मैं पदस्थ थी और देहगांव में रामलोचन तिवारी। बाढ़ प्रभावित एरिया का सर्वे कराने एसडीएम और कलेक्टर ने नायब तहसीलदार उदय सिंह जाटव को मौ सर्कल में भेजा। मुझसे राजस्व भू-अभिलेख के अधिकार छीन लिए। यह अधिकार जाटव को देते हुए प्रभारी बनाया है। इस वजह से मेरी राजस्व की आईडी बंद करा दी गई। मेरे खिलाफ कलेक्टर और एसडीएम षड्यंत्र रच रहे हैं। मुझे अपमानित करते हैं। मेरी बात नहीं सुनते। मैं मिलने जाती हूं तो मुझे चार-चार घंटे इंतजार कराते हैं।'
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का बयान
मैं शासन का काम कर रहा हूं। तहसीलदार माला शर्मा ने गड़बड़ी की है। लोगों से पैसा लेने का आरोप है, ऐसे मामलों में स्पष्टीकरण मांगा जाता है। माला शर्मा से राजस्व भू अभिलेख की आईडी का अधिकार छीनकर देहगांव सर्कल के तहसीलदार उदय जाटव को दिया है। दोनों तहसीलदार के कामों का क्लासीफिकेशन किया गया है। उन्होंने महिला आयोग से शिकायत की है, लेकिन मुझे आयोग से कोई पत्र नहीं मिला है।
तहसीलदार माला शर्मा ने कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाया
तहसीलदार माला शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने एक कॉलोनाइजर को फायदा पहुंचाने के लिए निजी भूमि से रास्ता दिलवाने जमीन मालिक अशोक जैन पर दबाव बनाया। जब जैन ने रास्ता देने से मना किया तो जमीन सरकारी घोषित कर दी। यह आरोप अशोक जैन ने कलेक्ट्रेट में शिकायत करते हुए लगाए थे। प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाई गई।
तहसीलदार ने पति के आधार कार्ड की ओरिजिनल कॉपी नहीं दिखाई
इसी तरह का मामला सरकारी पट्टे की एक जमीन को लेकर है। आरोप है कि तहसीलदार शर्मा ने सरकारी पट्टे की जमीन एक बुजुर्ग महिला के नाम कर दी। इस जमीन के सड़क किनारे वाले हिस्से का सौदा कर अपने पति को दिलवा दिया। कलेक्टर के मुताबिक, मामले में तहसीलदार ने पति के आधार कार्ड की फोटोकॉपी दी है, जो संदिग्ध है। ओरिजिनल आधार कार्ड मांगा गया है, उन्होंने यह अभी तक नहीं दिया है।
SDM पर पराग जैन पर दबाव बनाने का आरोप
एसडीएम पराग जैन जबरन मुझ पर दबाव बनाते हैं। वे कलेक्टर को मेरे खिलाफ गलत जानकारी देते हैं। दोनों अधिकारियों ने मिलकर मुझे हटा दिया था। कोर्ट से मुझे स्टे मिला है। तहसीलदार के आरोप पर गोहद एसडीएम पराग जैन का कहना है कि, किसी तरह से भी प्रताड़ित नहीं किया जा रहा है। मैं कभी उन्हें ऑफिस बुलाता ही नहीं हूं। अगर कभी बुलाया हो, तो वे बताएं। सब मनगढ़ंत बोल रही हैं। जो भी कलेक्टर आदेश करते हैं, उसका पालन करता हूं और अपने अधीनस्थों को करवाता हूं।
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