मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल पुलिस थाने के इंस्पेक्टर अजय वर्मा और सब इंस्पेक्टर भारत सिंह निगवाल को निलंबित किए जाने की घटना का पुरी पुलिस फोर्स द्वारा विरोध किया जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर है कि डीजीपी ने वीडियो कांफ्रेंस करके मध्य प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि, इस प्रकार के आदेश जारी नहीं करें।
मामला क्या है
उज्जैन में महाकाल लोक फेज-2 के तहत महाराजवाड़ा स्कूल हेरिटेज बिल्डिंग का संरक्षण किया जाना है। स्मार्ट सिटी ने इसे हेरिटेज होटल बनाकर मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग को सौंप दिया है। महाराजवाड़ा ऊंचाई पर है और महाकाल मंदिर की तरफ का हिस्सा ढलान पर है इसलिए यहां कुछ साल पहले रिटेनिंग वॉल बनाई गई थी।
हेरिटेज होटल का महाकाल लोक के साथ संविलियन किया जाना था इसलिए रिटेनिंग वॉल के पहले एक और दीवार बननी थी। बाद में रिटेनिंग वॉल को ढहाना था। यह प्रोजेक्ट उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के पास था लेकिन स्टे होने की वजह से काम रुका था। 15 दिन पहले पर्यटन विभाग ने होटल शुरू करने से पहले रिटेनिंग वॉल के पीछे दीवार बनाना शुरू कर दी। दोनों दीवारों में 20 फीट का फासला है।
उज्जैन में 25 सितंबर से मूसलाधार बारिश शुरू हुई। दो दिन से हो रही बारिश से दोनों दीवारों के बीच पानी को रास्ता नहीं मिला और 27 सितंबर को रिटेनिंग वॉल का ऊपरी हिस्सा ढह गया। इस हादसे में दो लोगों की मृत्यु हो गई और 5 से अधिक लोग घायल हुए।
पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड क्यों किया
हादसा महाकाल लोक-2 के पास हुआ था। इस कारण अधिकारी तुरंत एक्शन में आ गए। 27 सितंबर को एसपी प्रदीप शर्मा ने दीवार गिरने का सबसे बड़ा जिम्मेदार बताते हुए महाकाल थाने के टीआई अजय वर्मा और बीट प्रभारी एसआई भरत सिंह निगवाल को निलंबित कर दिया। आदेश में लिखा है कि, '27 सितंबर की रात्रि में थाना महाकाल क्षेत्र अंतर्गत महाराजवाड़ा स्कूल के पास दीवार गिरने और इसके नीचे अवैध रूप से बैठे लोगों के दबकर मृत्यु होने की घटना के संबंध में थाना प्रभारी अजय कुमार वर्मा और बीट प्रभारी एसआई भरत सिंह निगवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।'
आदेश के खिलाफ पुलिस स्टाफ में आक्रोश
इस आदेश के खिलाफ पूरे मध्य प्रदेश में पुलिस कर्मचारियों के बीच आक्रोश देखा गया। सभी कर्मचारियों ने अनुशासन में रहते हुए अपना विरोध दर्ज करवाया। यहां तक कि कुछ पुलिस कर्मचारियों ने त्यौहार के अवसर पर बंदोबस्त और ड्यूटी करने से इनकार कर दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी, कि डीजीपी ने वीडियो कांफ्रेंस करके सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया कि इस प्रकार के निलंबन आदेश जारी नहीं किए जाने चाहिए। इससे पुलिस स्टाफ का मनोबल गिरता है।
विनम्र निवेदन 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें।