दमोह निवासी जगमोहन चौधरी, जो कॉमर्स विषय में स्नातक और एमबीए (फाइनेंस) में स्नातकोत्तर हैं, ने उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 के तहत दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया में अस्वीकृति के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आज हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश में इस मामले में DPI BHOPAL के नाम नोटिस जारी करते हुए, जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है।
याचिकाकर्ता के वकील की दलील
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, धीरज तिवारी ने दलील दी कि भर्ती नियम पुस्तिका के कंडिका 7 के अध्याय 1 में “अलाइड सब्जेक्ट्स” की सूची दी गई है। इस सूची में कॉमर्स विषय के अंतर्गत स्नातकोत्तर स्तर पर एमबीए (अकाउंट/फाइनेंस) को मान्यता दी गई है। साथ ही, विज्ञप्ति में स्पष्ट उल्लेख है कि उम्मीदवार को स्नातक स्तर पर कॉमर्स विषय में उपाधि धारित करना अनिवार्य है। जगमोहन चौधरी इन सभी मानकों को पूरा करते हैं और उन्होंने अपने कॉलेज तथा डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय से मान्यता का स्पष्टीकरण पत्र भी प्रस्तुत किया है।
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इसके बावजूद, लोक शिक्षण संचालनालय ने उनके पोस्ट ग्रेजुएशन (एमबीए फाइनेंस) को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि यह निर्धारित विषय की स्नातकोत्तर उपाधि के अंतर्गत नहीं आता। इसके चलते उनका चयन रद्द कर दिया गया। अधिवक्ता ने कोर्ट में जोर देकर कहा कि एमबीए (फाइनेंस) जैसी डिग्री को "अलाइड सब्जेक्ट्स" के तहत मान्यता दी गई और इसे अस्वीकार करना भर्ती प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है।
इस मामले की सुनवाई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विनय सराफ की एकलपीठ में हुई। न्यायालय ने याचिका पर प्राथमिकता देते हुए लोक शिक्षण संचालनालय को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है मामले की सुनवाई 15 जनवरी को हैं।
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