मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का पाँच मामलों में मेरिट पर पहला विस्तृत आदेश आज दिनांक 05.11.2024 को पारित हुआ। जिसमे एससी/ओबीसी/ईडबल्यूएस के प्रतिभावान (मेरिटोरियस) अभ्यर्थियो को जनजाति विभाग से 30 दिन के अंदर उनकी पसंद के स्कूल / जिला मे पदस्थपना करें। यह आदेश स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातिय कार्य विभाग दोनों को प्रभावित करेगा। जनजातिय कार्य विभाग मे शिक्षकों के अनेक पद रिक्त हो जाएंगे और स्कूल शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षक अतिशेष हो जाएंगे।
लोक शिक्षण संचालनालय, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में
सरकारी सूत्रों का कहना है कि, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा उक्त आदेशों के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट मे SLP दायर करने की तैयारी की जा रही है। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पहले से ही सुप्रीम कोर्ट मे उक्त अभ्यर्थियो की ओर से केवियट दायर कर दी है। मध्य प्रदेश सरकार ऐसे कई मामलोे मे एसएलपी दायर करके खारिज करा चुकी है। जिनमे हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के अनुरूप फैसले पारित किए हैं।
उक्त पांचो आदेशों मे हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने सुप्रीम कोर्ट की 9 जजो की संवैधानिक पीठ द्वारा इंद्रा शहनी वनाम भारत संघ के प्रकरण मे पारित फैसले को रिलाइ किया गया है तथा प्रवीण कुमार कुर्मी बनाम मध्य प्रदेश शासान मे दिए गए दिशा निर्देशों के अनुरूप आरक्षण नीति को लागू करने की नसीहत भी दी गई है।
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