मध्य प्रदेश की जनसंख्या 7.50 करोड़ है। इनमें से 6 करोड लोगों की उम्र 18 वर्ष से अधिक है। यही लोग सरकार बनाते हैं और सरकारों के बारे में ओपिनियन देते हैं। यही लोग पूरी दुनिया में फैले हुए हैं और अपने-अपने कार्यक्षेत्र में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। कम से कम इन 6 करोड लोगों को पता होना चाहिए कि वह जिस मध्य प्रदेश से आते हैं, वह सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी पृथ्वी के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यही वह भूमि है जहां पर मानव की उत्पत्ति से पहले डायनासोर रहते थे। यहीं पर मानव का विकास हुआ। यहीं पर भारत को उत्तर और दक्षिण में विभाजित करने वाला विंध्याचल पर्वत है। यहीं पर भगवान श्री राम ने अपने वनवास के 13 वर्ष बिताए। यहीं पर भगवान श्री कृष्ण को गीता का ज्ञान प्राप्त हुआ, और यहीं पर दुनिया की पहली अंतरिक्ष अध्ययनशाला थी।
मध्य प्रदेश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी - सामान्य ज्ञान
- मध्य प्रदेश अपने आसपास पांच राज्यों से बॉर्डर शेयर करता है।
- सन 2000 में छत्तीसगढ़ की स्थापना से पहले मध्य प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य था।
- मध्य प्रदेश की 30% से ज्यादा जमीन पर जंगल मौजूद है। हम आज भी पर्यावरण की रक्षा करते हैं।
- भगवान श्री कृष्ण का स्कूल, महर्षि सांदीपनि का आश्रम उज्जैन में स्थित है।
- मध्य प्रदेश का नामकरण भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया।
- मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान प्रदेश है और आज भी यहां सबसे ज्यादा गांव मौजूद है।
- भारत में सबसे ज्यादा हीरे और तांबे का भंडार मध्य प्रदेश के भूगर्भ में है।
- मध्य प्रदेश का सबसे फेमस डांस "गोंधल नृत्य" और मालवा संगीत पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है।
- मध्य प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा वॉटरफॉल है। बहुटी जलप्रपात रीवा ज़िले में स्थित है। इसकी ऊंचाई 198 मीटर (650 फ़ीट) है।
मध्य प्रदेश में डायनासोर
मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी क्षेत्र में डायनासोर रहते थे। डायनासोर की उड़ने वाली प्रजाति भी यही रहती थी। 100 से ज्यादा टाइटैनोसॉरस प्रजाति के डायनासोर के घोंसले अब तक मिल चुके हैं। इन घोसलों में अंडे भी मिले हैं। वैज्ञानिकों को यहीं से पता चला कि डायनासोर हवा में उड़ सकते थे और घोंसला बनाकर रहते थे। यानी नर्मदा घाटी में कोई एक डायनासोर नहीं बल्कि डायनासोर की पूरी आबादी रहती थी। मध्य प्रदेश के धार जिले में Dinosaur Fossil National Park विकसित किया गया है जहां डायनासोर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। कितनी अजीब बात है, जिस डायनासोर से सारी दुनिया भयभीत हो जाती है हम मध्य प्रदेश में उसे "घुघवा" के नाम से जानते थे और उसे अपना एक पालतू पक्षी मानते थे। जैसे मुर्गा।
मध्य प्रदेश का गठन कब हुआ, कितने परिवर्तन हुए हैं
आज 1 नवंबर 2024 को मध्य प्रदेश का 69वां स्थापना दिवस है। 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश प्रदेश का गठन हुआ था। जबकि 1 नवंबर 2000 को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य के अलग होने के बाद मध्य प्रदेश का वर्तमान स्वरूप सामने आया था। समय के साथ जिलों की संख्या बदलती रही और आज 55 जिलों की संख्या के साथ मध्य प्रदेश अपने वर्तमान स्वरूप में उपस्थित है।
मध्य प्रदेश को और कितने नामों से जाना जाता है
भारत के हृदय में स्थित होने के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे हृदय प्रदेश का नाम दिया। इसके अतिरिक्त इसके कई और नाम जैसे -सोया स्टेट, टाइगर स्टेट, नदियों का मायका आदि नाम भी है। यहां सोयाबीन का उत्पादन सबसे अधिक होता था इसलिए सोया स्टेट। भारत में सबसे ज्यादा संख्या में टाइगर यहां पे जाते हैं, इसलिए टाइगर स्टेट और पुण्य सलिला नर्मदा नदी सहित ताप्ती, चंबल, बेतवा, सोन, और शिप्रा नदी का उद्गम यहीं से होता है। इसलिए मध्य प्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है। पवित्र नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान है।
मध्य प्रदेश के गठन से पहले इस भूभाग पर क्या था
मध्य प्रदेश, भारतवर्ष का प्राचीनतम भूभाग है। यह भूखंड हिमालय से भी पुराना है। पूर्व में गोंडवाना भूभाग का हिस्सा था। इसकी नर्मदा घाटी के अंचल में अनेक सभ्यतायें एवं संस्कृति, पुष्पित और पल्लवित हुई है। प्रमाणित हुआ है कि यहां भगवान राम ने अपने वनवास का अधिकतम समय (11 वर्ष, 11 महीने और 11 दिन) बिताया था व रामपथ गमन यहां होना माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने सांदीपनी आश्रम में शिक्षा पाई एवं पांडवों ने यहीं पर अपना अज्ञातवास गुजारा। यहां की भूमि विंध्याचल सतपुड़ा की विशाल पर्वत श्रंखला एवं मनोरम वनों से आच्छादित है। भारत का एक विशाल पहाड़ जो बंजर और सुना नहीं बल्कि हरा भरा है। भारत को उत्तर और दक्षिण में विभाजित करता है।
मध्य प्रदेश के प्राचीन इतिहास का वर्णन किस किसने किया
प्राचीन काल की बात करें तो कालिदास, बाणभट्ट, भर्तहरि, जगनिक, ईसुरी, केशव व तानसेन ने अपनी साहित्य व संगीत से मध्यप्रदेश के गौरव का गान किया।
मध्यकाल में मध्यप्रदेश के महापुरुषों के नाम
मध्यकाल में चंद्रगुप्त राजा विक्रमादित्य, अशोक, राजा भोज, छत्रसाल, तात्या टोपे, अहिल्याबाई, अवंतीबाई, भीमा नायक तथा चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों का गौरवशाली इतिहास रहा है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंशों के नाम
प्रमुख राजवंशों में चंदेल, तोमर, परमार, बुंदेला, होलकर, सिंधिया, शुंग, नागवंशी, गुर्जर, प्रतिहार आदि ने मध्य प्रदेश की शान में चार चांद लगाए।
मध्यप्रदेश में प्राचीन स्थापत्य कला के अद्भुत निर्माण
ग्वालियर, मांडू, नरवर, असीरगढ़, चंदेरी प्राचीन स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने हैं।
मध्य प्रदेश के प्राचीन ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन तीर्थ स्थल
ओमकारेश्वर, महेश्वर, उज्जैनी, अमरकंटक, पचमढ़ी, ओरछा ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल के रूप में प्राचीन वैभव के प्रतीक हैं।
1 नवंबर को स्थापित हुए भारत के 7 राज्यों के नाम याद रखने की ट्रिक
1 नवंबर को मध्यप्रदेश की स्थापना की स्थापना होने के साथ-साथ 7 अन्य राज्यों का भी गठन हुआ तो इनको याद रखने की एक एक छोटी सी ट्रिक है
"पके आम छह, क"
इस trick का विस्तार निम्न प्रकार से है
प- पंजाब
के- केरल
आ- आंध्र प्रदेश
म- मध्य प्रदेश
छ- छत्तीसगढ़
ह - हरियाणा
क- कर्नाटक
इनमें से आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश ,केरल व कर्नाटक की स्थापना 1 नवंबर 1956 को। पंजाब व हरियाणा की स्थापना 1 नवंबर 1966 को तथा छत्तीसगढ़ की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई। भाषाई आधार पर अलग होने वाला पहला राज्य आंध्रप्रदेश व दूसरा मध्यप्रदेश है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article.