दिनांक 05.04.2024 को W.P. No.5133/2023 और अन्य संबंधित मामलों में इंदौर बेंच ने आदेश पारित किया था, जिसमें यह कहा गया था कि, चूंकि न्यायालय को संशोधन की संवैधानिक वैधता पर निर्णय लेना है, या उत्तरदाताओं को पहले निर्धारित योग्यता के साथ नए योग्यता मानदंडों के साथ एएनएम के पद के लिए नियुक्ति जारी रखने का निर्देश देना है। अधिकतम, इन याचिकाकर्ताओं को 1233 एएनएम पदों के लिए बैकलॉग में विचार किया जा सकता है। अब परिणाम घोषित कर दिया गया है और इन याचिकाकर्ताओं को योग्य घोषित किया गया है, अतः उन्हें नियुक्ति दी जाए, हालांकि यह निर्णय इन मामलों के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा। इसके बाद, 23.08.2024 और 30.08.2024 को इंदौर बेंच द्वारा इसी प्रकार के आदेश पारित किए गए।
यह विवादित नहीं है कि 05.04.2024 और उपर्युक्त आदेशों का पालन नहीं किया गया है। 23.08.2024 के आदेश में, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यह समझाने के लिए निर्देशित किया गया था कि अंतरिम आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया और contempt कार्यवाही क्यों शुरू न की जाए। इसके बाद, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक ने 30.08.2024 को न्यायालय में उपस्थित होकर 05.04.2024 के आदेश का पालन करने का आश्वासन दिया। यह महत्वपूर्ण है कि ,अब तक 1233 पदों में से केवल 134 उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई है।
यह विवादित नहीं है कि, 05.04.2024 और उपर्युक्त आदेशों को अभी तक उत्तरदाताओं द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई है।
अतः हम निर्देशित करते हैं कि उत्तरदाता एक सप्ताह के भीतर आदेश का पालन करें, अन्यथा स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को अवमानना का दोषी ठहराया जाएगा और उन्हें सजा दी जाएगी। नियुक्ति उन सभी उम्मीदवारों को दी जाएगी, जिन्होंने परीक्षा में उत्तीर्ण किया है। उम्मीदवारों की पात्रता की जांच की जाएगी और योग्य पाए जाने पर उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। सभी उम्मीदवारों को 08.11.2024 को सुबह 9:30 बजे संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है। यह आदेश जिले में प्रचलित समाचार पत्रों में व्यापक रूप से प्रकाशित किया जाएगा, ताकि प्रत्येक उम्मीदवार को यह जानकारी मिल सके कि उन्हें किस तिथि को संबंधित अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना है।
यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि किसी उम्मीदवार के दस्तावेज़ सही नहीं होंगे, तो उसे नियुक्ति नहीं दी जाएगी। उत्तरदाताओं को इसके लिए कारणों का स्पष्ट विवरण अपने हलफनामे में देना होगा जो स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
उत्तरदाताओं के वकील का कहना है कि प्रक्रिया को पूरा करने में पर्याप्त समय लगेगा, जिस पर हम सहमत नहीं हैं। यदि वे वास्तव में आदेश का पालन करना चाहते हैं, तो यह कार्य दो दिनों का है। इसलिए यह प्रक्रिया न्यायालय द्वारा निर्धारित समय के भीतर पूरी की जाए।
अगली सुनवाई 21.11.2024 को W.P. Nos.1240/2024, 5500/2024, 5804/2024, 7548/2024, 10561/2024, 29541/2024 और 28374/2024 के साथ सूचीबद्ध होगी।
स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को अगली सुनवाई के लिए न्यायालय में शारीरिक रूप से उपस्थित रहना होगा।
W.P. No.5172/2024, W.P. No.5470/2024, W.P. No.5664/2024 & W.P. No.8157/2024: दिया गया कारणों के आधार पर, I.A. No.19390/2024 (W.P. No.5172/2024), I.A. No.19385/2024 (W.P. No.5470/2024), I.A. No.19387/2024 (W.P. No.5664/2024) और I.A. No.19392/2024 (W.P. No.8157/2024) - संशोधन के लिए आवेदन स्वीकृत किए जाते हैं। आवेदन इस प्रकार निस्तारित किए जाते हैं।
W.P. No.7357/2023
याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका के संशोधित प्रति को दाखिल करने के लिए समय मांगा है।
इसे एक सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए।
क्या था पूरा मामला
मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा 2023 में एएनएम की भर्ती निकाली गई जिसमें 2019 से नए रूल के तहत सीधी भर्ती के लिए पहले से कार्यरत संविदा एएनएम कार्यकर्ता एवं नवीन एएनएम अभ्यर्थियों को रोक दिया गया। 2019 के नियम में कहा गया कि जिन अभ्यर्थियों के पास 12वीं परीक्षा में बायो होगा एवं 2 साल की सरकारी इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग होगी वही पात्र होगी। जबकि 2019 के पहले मध्य प्रदेश सरकार इस प्रकार की कोई बाध्यता नहीं रखी थी।
महिला याचिकाकर्ता वह सभी एएनएम है जिन्होंने अपनी सभी शैक्षणिक क्वालिफिकेशन 2019 के पहले पूर्ण कर चुकी थी। याचिकाकर्ता अधिवक्ता दिनेश सिंह चौहान उच्च न्यायालय जबलपुर के माध्यम से विभिन्न याचिका दायर की गई जिसमें अन्य अधिवक्ताओं की सम्मिलित याचिका में सामूहिक तौर पर माननीय कोर्ट ने आर्डर दिया। "माननीय कोर्ट ने पाया की 2019 में बनाया गया रूल 2019 के पहले शैक्षिक अर्हता प्राप्त कर चुकी एएनएम के लिए लागू नहीं होना चाहिए। अतः एक हफ्ते के भीतर याचिका के अधीन सख्त लहजे में निर्देश जारी किया है और साफ तौर पर कहा है कि एक हफ्ते के अंदर अपॉइंटमेंट हो जाना चाहिए अन्यथा कमिश्नर के ऊपर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।"
अपने आदेश में साफ तौर पर माननीय कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ याचिकाकर्ता ही नहीं बल्कि वह सभी अभ्यर्थी जो परीक्षा को क्वालीफाई किए हैं उनको अपने मेरिट के अनुसार 8 नवंबर 2024 को सुबह 9:30 बजे अपने-अपने संबंधित जिले के सीएमएचओ ऑफिस में पहुंचकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाना है। इस आदेश की सूचना सरकार को हर जिले में न्यूज़पेपर के माध्यम से भी सर्कुलेट करना है ताकि हर एक अभ्यर्थी को पता चल सके। अधिवक्ता दिनेश सिंह चौहान के द्वारा बताया गया कि यह आदेश सभी अभ्यर्थियों के लिए पेटीशनर के साथ-साथ लागू होगा।
याचिकाकर्ताओं ने अपने-अपने वकीलों के माध्यम से पेशी की।
श्री बी.डी. सिंह - उप महाधिवक्ता, उत्तरदाताओं/राज्य के लिए।
श्री तबरेज शेख - कर्मचारियों चयन बोर्ड के वकील।
डॉ. वंदना खरे, अतिरिक्त निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, न्यायालय में उपस्थित थे।
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