जिला उपभोक्ता आयोग, भोपाल मध्य प्रदेश द्वारा बिल्डर सरस्वती इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर अरविंद कुमार गुप्ता खुद सेवा में कमी का दोषी घोषित करते हुए 2 महीने के भीतर 5.05 लाख रुपए अदा करने की आदेश दिए हैं। आयोग के समक्ष यह आरोप साबित हुआ कि बिल्डर ने उपभोक्ता को अधूरा बना हुआ मकान सौंप दिया था।
नेमीचंद सोनी बनाम बिल्डर अरविंद कुमार गुप्ता विवाद
उपभोक्ता नेमीचंद सोनी निवासी पिपलानी के अधिवक्ता मोना पालीवाल ने बताया कि, बिल्डर सरस्वती इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर अरविंद कुमार गुप्ता के साथ दिनांक 30 सितंबर 2019 को एग्रीमेंट हुआ था। 20 लाख रुपए में खजूरी स्थित एक प्लॉट पर मकान बना कर देना था। उपभोक्ता नेमीचंद सोनी ने एग्रीमेंट के अनुसार पूरा पेमेंट भी कर दिया था लेकिन बिल्डर अरविंद कुमार गुप्ता ने एग्रीमेंट के अनुसार निर्धारित समय पर निर्माण काम पूरा नहीं किया। मकान तो बना दिया लेकिन इलेक्ट्रिसिटी फिटिंग नहीं करवाई। कई सारे काम अधूरे छोड़ दिए और मकान का पजेशन दे दिया।
भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला
भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग ने इंजीनियर के माध्यम से शेष बचे हुए निर्माण कार्य को पूरा करने में खर्च होने वाली राशि का एस्टीमेट निकलवाया। इंजीनियर ने ₹300000 का खर्चा बताया। इसके बाद आयोग की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज व प्रीति मुदगल की बेंच ने निर्णय सुनाया। बिल्डर को अधूरे निर्माण में खर्च तीन लाख रुपये की राशि के साथ मानसिक क्षतिपूर्ति राशि दो लाख और वाद व्यय की राशि पांच हजार रुपये देने के आदेश दिए। अगर दो माह के अंदर बिल्डर ने 5.05 लाख रुपये की राशि नहीं लौटाई तो नौ प्रतिशत ब्याज के साथ राशि देनी होगी।
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