मध्यप्रदेश की भोपाल पुलिस ने बिहार एवं अन्य राज्यों के व्यक्तियों के दस्तावेजों के आधार पर भोपाल में 1800 बैंक खाते खुलवाने वाले बिहार के 7 लड़कों को गिरफ्तार किया है। ज्यादातर झारखंड के लोगों के डाक्यूमेंट्स का उपयोग किया गया है। उन्हे पता ही नहीं है कि उनके नाम से बैंक खाता खुल गया, जिसमें अपराधियों द्वारा करोड़ों का लेनदेन हो रहा है।
भोपाल में बिहार के 8 युवक गिरफ्तार किए गए
बिहार के नालंदा का रहने वाला शशिकांत 12वीं पास है। पुलिस के अनुसार यही मास्टर माइंड है। फर्जी आधार से पैन कार्ड तैयार करता था। झारखंड से यही डेटा लाता था। फिर चेक करता था किस आधार से पैन कार्ड बना है या नहीं। जिसमें पैन नहीं होता था उसका पैन कार्ड ऑफलाइन एप्लाई करता था। इसके बाद उस आधार कार्ड के आधार पर पूरे डाक्यूमेंट्स तैयार करके बैंक अकाउंट ओपन किया जाता था। पुलिस रिकार्ड के अनुसार शशिकांत कुमार उर्फ मनीष पिता सतीश प्रसाद (26 वर्ष) निवासी ग्राम पचेतन थाना स्थावा जिला नालंदा बिहार का रहने वाला है। गिरोह का सरगना है और 12वीं पास है। आधार एवं पेन कार्ड तैयार करने से लेकर आगे बेचने तक की जिम्मेदारी इसी की होती थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पुलिस प्रोफाइल
सपना उर्फ साधना पिता अनुजा पान (ताती) (21 वर्ष) निवासी खेमनीचक थाना हनुमाननगर पटना बिहार की रहने वाली है। लड़की 12वीं कक्षा पास है। सपना फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाने का काम करती थी।
अंकित कुमार साहू उर्फ सुनील पिता राजू साहू (20) निवासी मोदनगंज थाना घोसी जिला जहानाबाद बिहार का रहने वाला है। 12वीं पास होने के साथ ही फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिम कार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाने का काम करता था।
कौशल माली उर्फ पंकज पिता आनंदी भगत (19) साल निवासी ग्राम मोदनगंज थाना घोसी जिला जहानाबाद बिहार का रहने वाला है। 10वीं पास होने के साथ ही फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिम कार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाने का काम करता था।
रोशन कुमार पिता गरिबन साव (20) साल निवासी चुटकिया बाजार थाना मसलामी जिला पटना बिहार का रहने वाला है। 10वीं पास होने के साथ ही फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाने का काम करता है।
रंजन कुमार उर्फ विनोद पिता मुन्ना साव (19) साल निवासी ग्राम छोटी मंदिर माधवमिल थाना मसलामी जिला पटना बिहार 5वीं पास होने के साथ ही फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाने का काम करता है।
मोहम्मद टीटू उर्फ विजय पिता मोहम्मद मोईन (18) निवासी गुलजार बाग थाना मेंहदीगंज जिला पटना बिहार का रहने वाला है। चौथी पास है और फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाने का काम करता है।
भोपाल में कॉल सेंटर बना लिया था
आरोपी भोपाल में किराए का मकान लेकर फर्जी दस्तावेज बनाते थे। इसके लिए इब्राहिमपुरा में एक कमरे में कॉल सेंटर भी बना रखा था। पूछताछ में आरोपियों ने देश के 6 अलग-अलग शहरों में रहकर फर्जी दस्तावेज बनाने की बात स्वीकार की है। इनमें इंदौर, भोपाल, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद जैसे शहर शामिल हैं। आरोपियों ने इन शहरों में फर्जी तरीके से बैंक अकाउंट खुलवाए थे। फर्जी दस्तावेजों पर बने 1800 अकाउंट आरोपी बेच भी चुके हैं। पुलिस को इन खातों में करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन के प्रमाण मिले हैं।
10 हजार रुपए में बेचते थे फर्जी बैंक अकाउंट
पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया, एक फर्जी अकाउंट को आरोपी करीब 10 हजार में बेचते थे। साइबर जालसाज इन फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल करते थे। आरोपियों द्वारा बेचे फर्जी अकाउंट के अंदर करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन होने के प्रमाण पुलिस को मिले हैं।
संदेह के दायरे में बैंक और डाक कर्मचारी
डीसीपी रियाज इकबाल ने बताया, बड़ी संख्या में फर्जी बैंक अकाउंट आसानी से खुल जाने से बैंक कर्मचारी, डाक कर्मचारी कई अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। बैंक कर्मचारियों द्वारा फर्जीवाड़े में शामिल होने के एंगल पर भी जांच की जा रही है।
झारखंड का डाकिया आधार कार्ड दिलवाता था
ये सभी बैंक खाते उन आधार कार्ड पर खुलवाए गए, जो कभी सही पते पर नहीं पहुंचे। ये हर खाते के लिए 10 हजार रुपए वसूलते थे। इस लिहाज से 2 करोड़ से ज्यादा की रकम गिरोह को मिल चुकी है। भोपाल-इंदौर में ऐसे करीब 500 खाते सामने आए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि सही पते पर नहीं पहुंचने वाले आधार कार्ड झारखंड का डाकिया उपलब्ध करवा रहा था।