सीहोर। नगर पालिका में पदस्थ सहायक यंत्री (एई) रमेश वर्मा पर भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वतखोरी के आरोप में कार्रवाई की है। शिकायतकर्ता सुरेश दांगी ने आरोप लगाया कि वर्मा ने उनके प्लॉट पर मकान निर्माण की अनुमति देने के बदले 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त टीम ने 20 हजार रुपए एई के सहयोगी को लेते देखा, उसकी तलाश की जा रही है।
क्या है मामला
शहर के लुनिया चौराहा निवासी शिकायतकर्ता सुरेश दांगी अपने निजी प्लॉट पर मकान निर्माण के लिए अनुमति चाहते थे। उन्होंने दावा किया कि उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज, जैसे रजिस्ट्री, नामांतरण और डायवर्जन मौजूद थे। इसके बावजूद अनुमति के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी। इसकी शिकायत आवेदक ने भोपाल लोकायुक्त एसपी से थी।
लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच के बाद सुरेश दांगी को 20,000 रुपए के नोट दिए। इन नोटों को सुरेश ने एई के सहयोगी को सौंपा, जिसे झोले में रखकर वह चलता बना। टीम ने देखा और तुरंत एई वर्मा के कैबिन में जा पहुंची।
एई के सहयोगी की तलाश
लोकायुक्त डीएसपी अनिल वाजपेयी के अनुसार, शिकायतकर्ता की सूचना के आधार पर प्लानिंग की गई। टीम ने रिश्वत की रकम सौंपते हुए पूरी प्रक्रिया को देखा और कार्रवाई की। सोमवार को रिश्वत की पहली किस्त 20 हजार की मांग की गई थी। लोकायुक्त ने एई के सहयोगी और मामले से जुड़े अन्य लोगों पर जांच शुरू कर दी है।
इधर, सुरेश दांगी का कहना है कि वह किसी भी प्रकार का गलत काम नहीं कर रहे थे और अपने प्लॉट पर मकान निर्माण कर रहे थे। इसके बावजूद उनसे 1 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई। मेरे पास रजिस्ट्री, नामांतरण, डायवर्जन है।
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