कलियासोत डेम भोपाल मे चंदनपुरा की पहाड़ी, खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक अस्पताल की पहाड़ी, आईआईएफएम की पहाड़ी, चूना भट्टी और नेहरु नगर क्षेत्र से घिरा है। भदभदा डेम से निकलने वाले बड़े तालाब के ओवरफ्लो जल को संग्रहित करने के लिये सन 1994 मे इसका निर्माण हुआ। यह जल नहर के माध्यम से रबी की फसलों को सिंचित करने के लिये भोपाल और रायसेन जिले मे प्रवाहित किया जाता है।
यहां कई तरह की तितलियां भी पाई जाती हैं
जैव विविधता से भरपूर डेम और उसके आसपास के हिस्से मे बाघ और मगरमच्छों को देखा जा सकता है। सर्दियों मे प्रवासी पक्षियों से यह जलाशय भरा रहता है। इसके अलावा यहां कई तरह की तितलियां भी पाई जाती हैं। यहां स्वच्छ हवा और सुंदर वातारण के कारण सुबह और शाम की सैर करने वालों की भीड़ लगी रहती है। जलाशय के बीचोबीच शिवजी का प्राचीन मंदिर है जो बारिश के बाद टापू बन जाता है। यहां एक पहाड़ी पर देवी माता मंदिर भी है। कलियासोत के ओवरफ्लो को तेरह शटर के माध्यम से निकाला जाता है। यह ओवरफ्लो जल कलियासोत नदी कहलाता है। जो शहर के विभिन्न हिस्सों से होती हुई भोजपुर के निकट बेतवा नदी से मिलती है।
पेरासेलिंग, पेराग्लाईडिंग, हाट एअर बलूनिंग जैसी एक्टीविटीज होती थीं
पहले यहां कलियासोत मैदान पर एडवेंटर फेस्ट भी मनाया जाता था जिसमें पेरासेलिंग, पेराग्लाईडिंग, हाट एअर बलूनिंग जैसी एक्टीविटीज होती थीं। भोपाल स्टेशन से यह स्थल लगभग 14 किमी तथा हबीबगंज स्टेशन से लगभग 6 किमी दूर है। यहां पहुंचने के लिये चूनाभट्टी से होते हुए या नेहरु नगर से होते हुए या कोलार रोड से लेकसिटी जागरण कालेज वाले रोड से होते हुए पहुंचा जा सकता है। आलेख एवं फोटो- देवेंद्र दुबे।विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। भोपाल के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें।