मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वैसे तो भारतीय जनता पार्टी के विधायक और सांसद हैं परंतु थोड़ा गौर से देखेंगे तो सभी के बीच में बड़ी-बड़ी दरारें नजर आती है। इस बार कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी विधायकों को विश्वास में लेकर शहर की प्राइम लोकेशन पर प्रॉपर्टी के दाम बढ़ाने की प्लानिंग कर ली थी परंतु सांसद आलोक शर्मा ने, पानी फेर दिया। बिल्डर के बयान के बाद आलोक शर्मा मैदान में आ गए और पूरा रायता फैला दिया।
सांसद आलोक शर्मा दिन भर दौड़ दुख करते रहे
सांसद आलोक शर्मा ने मध्य प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को जमीनों के बढ़े हुए भाव को लेकर लिखित शिकायत की है। सांसद शर्मा ने कहा, चर्चा के बाद वित्त मंत्री ने भोपाल में कलेक्टर गाइड लाइन बढ़ाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। अब जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने के बाद ही कलेक्टर गाइड लाइन पर अंतिम मुहर लगेगी। जनप्रतिनिधियों के साथ अगली बैठक के बाद ही भोपाल में जमीनों के बढ़े हुए दामों को लेकर फैसला होगा। बता दें कि भोपाल में रेसिडेंशियल, कमर्शियल और एग्रीकल्चर में एवरेज 8.55% तक गाइडलाइन बढ़ाने का प्रस्ताव है। विधायक भगवानदास सबनानी की आपत्ति के बाद 13 लोकेशन हटा दी गई है। यानी, 240 लोकेशन पर रेट बढ़ेंगे।
कलेक्टर गाइडलाइन में संशोधन से पहले हमारी NOC जरूरी
'मैं आज वित्त मंत्री जी से मिला हूं। भोपाल की 243 लोकेशन पर प्रॉपर्टी के रेट 5% से 200% प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग की ओर से मिला था। इस पर मैंने वित्त मंत्री जी से आग्रह किया है कि भोपाल को लेकर कोई भी प्रस्ताव आता है तो सबसे पहले उस पर जनप्रतिनिधियों से चर्चा होना चाहिए। भोपाल के सांसद और विधायकों से इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। वित्त मंत्री जी ने मेरी बात मानी और बहुत ही जल्दी भोपाल के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ वित्त मंत्री जी की अध्यक्षता में बैठक होगी। उसके बाद हमारे सुझावों के आधार पर ही सरकार निर्णय लेगी। केंद्रीय मूल्यांकन समिति की तय बैठक तो होगी, लेकिन भोपाल को लेकर जो भी निर्णय होगा, वो जनप्रतिनिधियों की बैठक के बाद ही होगा।
भोपाल में कलेक्टर गाइडलाइन से बिल्डर्स को प्रॉब्लम है
भोपाल में बिल्डर्स के संगठन क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष मनोज मीक समेत क्रेडाई सदस्यों ने सांसद आलोक शर्मा के साथ वित्त मंत्री से मुलाकात की। एक्चुअल में क्रेडाई वाले ही आलोक शर्मा को वित्त मंत्री के पास लेकर गए थे। अध्यक्ष मीक ने कहा कि भोपाल में सर्किल रेट में प्रस्तावित अत्यधिक वृद्धि का रियल एस्टेट उद्योग, आम जनता और प्रधानमंत्री के 'हाउसिंग फॉर ऑल' मिशन के लक्ष्य पर गलत प्रभाव पड़ेगा। पिछले दशक में इंदौर के मुकाबले भोपाल में सर्किल रेट में कई गुना वृद्धि पहले ही हो चुकी है। जिससे संपत्ति बाजार अस्थिर हो गया है।
इसका परिणाम यह हुआ कि भोपाल में निवेश में कमी आई है और संपत्तियों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है। लगभग सर्किल रेट बढ़ाने से प्राॅपर्टी टैक्स में सीधी वृद्धि होती है। जिससे आमजन बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
भोपाल के बिल्डर्स क्या चाहते हैं
अध्यक्ष मीक ने बताया, हमारी मांग है कि राज्य सरकार गाइडलाइन रेट प्री-कोविड इयर के स्तर लाए, उपबंधों को तत्काल समाप्त करें और अगले तीन वर्ष के लिए सर्किल रेट में कोई वृद्धि न करें। इस अवधि में निवेश, व्यापार और राजस्व की स्थिति का निष्पक्ष आंकलन किया जाए। यह कदम जनहित में होगा राज्य, राजधानी और राजस्व के विकास में योगदान देगा। सरकार से आग्रह है कि इस वृद्धि पर पुनर्विचार कर लोकहित और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करें।
बिल्डर्स ने विधायक सबनानी से भी मुलाकात की
सर्किल रेट में अत्यधिक वृद्धि के विरोध में मंगलवार को क्रेडाई के सदस्यों ने मूल्यांकन बोर्ड के सदस्य और विधायक सबनानी को प्रतिवेदन सौंपकर इस वृद्धि के प्रति अपना कड़ा विरोध जताया था। उल्लेखनीय है कि विधायक सबनानी, इस मामले में कलेक्टर को सपोर्ट कर रहे हैं।
विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। भोपाल के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें।