कोई भी विषय जब तक उसमें कोई अपवाद ना हो तब तक उसको पढ़ने में मजा ही नहीं आता और विज्ञान में तो विशेष रूप से अपवाद देखने को मिलते हैं तो चलिए आज हम भी SHARK से ही जुड़ी कुछ EXCEPTIONAL & INTERESTING जानकारियां जानने की कोशिश करते हैं।
अकशेरुकी और कशेरुकी - INVERTEBRATES & VERTEBRATES
तो इसके लिए आपको चलना होगा 9th क्लास की विज्ञान विषय की NCERT बुक में, जहां एनिमल क्लासिफिकेशन के बारे में बताया गया है। पूरे एनिमल किंगडम को दो भागों में बांटा गया है, अकशेरुकी (INVERTEBRATES) और कशेरुकी (VERTEBRATES)। आसान भाषा में कहें तो बिना रीड की हड्डी वाले जानवर - अकशेरुकी और रीड की हड्डी वाले जानवर - कशेरुकी। दुनिया की सारी फिशेज को फाइलम पिसेस (PHYLUM PISCES) के अंतर्गत रखा गया है, जो कि कशरुकी (VERTEBRATES) है यानी रीड की हड्डी वाले, परंतु यहां पर भी TWIST है।
DOES A SHARK HAVE BONES OR NOT - शार्क के शरीर में हड्डी होती है या नहीं
अब तक आप जान ही चुके हैं कि शार्क के शरीर में हड्डियां नहीं होती है, फिर हड्डियों वाला प्रश्न उपस्थित क्यों हुआ। इसको समझने के लिए आपको कान लगाकर सुनना होगा, क्योंकि शार्क की हड्डियां ना होने के पीछे की कहानी भी आपके बाहरी कान (अंग्रेजी में, EAR PINNA कहते हैं) में हड्डी ना होने से जुड़ी हुई है। तभी तो भारत की महिलाएं बाहरी कान में छेद करवाती हैं और उसमें सुंदर-सुंदर इयररिंग्स पहनती हैं क्योंकि वहां पर हड्डियां नहीं होती, लेकिन अब प्रश्न उपस्थित होता है कि यदि कान में हड्डी नहीं होती तो हमारे कान अपने निर्धारित आकार में कैसे बने रहते है, लटक क्यों नहीं जाते, हवा में फड़फड़ाते क्यों नहीं है।
मनुष्य के कान में हड्डी नहीं होती तो वह हवा में फड़फड़ाते क्यों नहीं है
हम मनुष्य के बाहरी कान बाहरी कान हड्डी या अस्थि (BONE) से ना बनकर उपास्थि (CARTILAGE) से बने होते हैं। यही कारण है कि यदि आप कोई आपके कान पड़कर मरोड़ दे तो आपको दर्द होता है। CARTILAGE के कारण वह अपने निर्धारित आकार में बने रहते हैं और ना तो कुत्ते के कान की तरह लटक जाते हैं और ना ही हवा चलने पर फड़फड़ाते हैं।
HOW MANY BONES IN SHARK
मनुष्य के कान की तरह, SHARK का शरीर भी हड्डियों का नहीं बल्कि उपास्थि (CARTILAGE) का बना होता है। यही कारण के शार्क के शरीर में एक भी हड्डी नहीं होती लेकिन फिर भी वह समुद्र का सबसे ताकतवर प्राणी है और इस ताकत के कारण ही उसे समुद्र का राजा कहा जाता है।
हड्डीवाली और बिना हड्डीवाली मछलियां - BONY FISHES & CARTILAGINOUS FISHES
मछलियां, समुद्री और मीठे दोनों तरह के पानी में पाई जाती हैं। इनकी त्वचा शल्क यानी स्केल /प्लाटों से ढकी रहती है तथा यह अपनी पूंछ का प्रयोग तैरने के लिए करती है। इनका शरीर धारारेखीय (STREAMLINED) होता है और इनमें श्वसन (RESPIRATION) के लिए क्लोम पाए जाते हैं जो कि पानी में घुली हुई ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं और यह असमतापी (COLD BLOODED) होते हैं तथा इनका हृदय द्वीकक्षीय (TWO CHAMBERED) होता है। यह अंडे देती हैं और इनका कंकाल अस्थियों (BONES) का बना होता है। इस कारण इन्हें BONY FISHES कहा जाता है जैसे -TUNA, ROHU ETC.
जबकि कुछ मछलियों में कंकाल केवल उपास्थि (CARTILAGE) का बना होता है यह सभी क्लास CHONDRICHTHYES के अंतर्गत आती हैं, जिनमें स्पष्ट जबड़ा भी पाया जाता है। इनका कंकाल उपास्थि का बना होता है, इसी कारण यह वजन में हल्की होती हैं परंतु SHARK की उम्र बढ़ाने के साथ उनके कंकाल में कैल्शियम लवण इकट्ठा होता जाता है। जिससे वह मजबूत हो जाती हैं, SHARK के जबड़े भारी और ठोस दिखाई देते हैं जो की बिल्कुल हड्डी की तरह दिखाई देते हैं। इनके दांतों में ENAMEL भी होता है जो की जीवाश्म रिकॉर्ड के काम आता है जैसे - SHARK, BATOIDS, STINGRAY ETC. Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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