BhopalSamachar.com एक बार फिर महत्वपूर्ण विषय पर उपयोगी साबित हुआ है। लाखों कर्मचारियों की पिछले कई दशकों से चल रही परेशानी खत्म हो गई है। सिर्फ और सिर्फ BhopalSamachar.com ने इस मुद्दे को उठाया। सरकार तक पहुंचाया। 14 जून को पॉलिसी बदलने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ड्राफ्ट तैयार किया गया। 12 नवंबर को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत किया और 18 नवंबर को वित्त विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए। व्यवस्थित और सकारात्मक पत्रकारिता के कारण एक बड़ी समस्या का पूरा समाधान हो गया है।
शासकीय कर्मचारियों की एक दिन पूर्व सेवानिवृत्ति के कारण वेतनवृद्धि का नुकसान
मध्य प्रदेश में कई दशकों से यह समस्या चली आ रही थी। 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को अंतिम वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जाता था, क्योंकि वेतन वृद्धि की तारीख 1 जुलाई और 1 जनवरी होती है। अर्थात जिस दिन वेतन वृद्धि लगाई जाती है, उसके ठीक 1 दिन पहले रिटायर हो जाता है। इसलिए उसका नाम लिस्ट में नहीं होता। यह एक बड़ी समस्या थी। दुर्भाग्य से कर्मचारी नेताओं ने भी इस समस्या के समाधान के लिए आवाज बुलंद नहीं की। कभी-कभी औपचारिक मांग जरूर की थी, लेकिन सिर्फ मीडिया में, ताकि नाम छप जाए।
BHOPAL SAMACHAR DOT COM ने क्या किया
एक दिन पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में इस व्यवस्था को चुनौती दी। हाईकोर्ट ने कर्मचारी पक्ष का समर्थन किया और सरकार को इंक्रीमेंट का आदेश दिया लेकिन हाई कोर्ट से जारी होने वाला आदेश केवल याचिका प्रस्तुत करने वाले कर्मचारियों पर लागू होता था। यानी जो कर्मचारी हाईकोर्ट में याचिका लगाएगा, उसे रिटायरमेंट के बाद इंक्रीमेंट मिल जाएगा, लेकिन यदि याचिका नहीं लगाएगा तो इंक्रीमेंट नहीं मिल पाएगा। दिनांक 14 जून 2024 को भोपाल समाचार न्यूज़ पोर्टल में इस मुद्दे को उठाया गया (यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं)। कर्मचारियों को बताया गया कि वह रिटायरमेंट से पहले भी याचिका लगा सकते हैं। सरकार को बताया कि हाईकोर्ट में हर याचिका पर फैसला, सरकार के खिलाफ होता है। जब सरकार हर कर्मचारी के सामने कोर्ट केस हार जाती है, तो फिर पॉलिसी बदल क्यों नहीं देती है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सरकार ने रिस्पांस किया और आज व्यवस्था बदल गई है।
BHOPAL SAMACHAR NEWS PORTAL - समस्या का पूरा समाधान
कर्मचारियों की समस्या का पूरा समाधान हो गया है। शासन की ओर से प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ। मंत्री परिषद की ओर से मंजूर दी गई, लेकिन वित्त विभाग की ओर से आदेश जारी नहीं हुए थे। अर्थात मामला पेंडिंग था। 18 नवंबर को आदेश भी जारी हो गए (इस समाचार में संलग्न है)। अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले किसी भी कर्मचारी को इस मामले के लिए हाई कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। 🙏उपदेश अवस्थी।
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