साधारण अपवाद, भारतीय न्याय संहिता, 2023 के अध्याय 03 में धारा 14 से धारा 33 तक बताया गया है। व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध कब अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, अर्थात किन-किन परिस्थितियों में किसी व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध क्षमा योग्य होता है और क्यू जानिए:-
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 14 की परिभाषा
अगर किसी व्यक्ति या लोकसेवक जो विधि के नियमों के अनुसार कार्य कर रहा है एवं उसके द्वारा तथ्यों की भूल के कारण कोई अपराध हो जाता है, अर्थात किसी घटना या परिस्थितियों को देखते हुए विधि का पालन करते हुए कोई अपराध का होना, तब ऐसे अपराध को BNS की धारा 14 के अनुसार क्षमा योग्य माना जायेगा।
नोट:- तथ्यों की भूल से किया गया अपराध इस धारा में क्षमा योग्य होता है। जैसे कि भीड़-भाड़ वाले स्थान पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी के कहने पर सैनिक द्वारा हवा में फायरिंग कर दी जाए एवं गलती से फायरिंग की गोली किसी व्यक्ति को लग जाए तब यह तथ्य की भूल का अपराध होगा।
कुल मिलाकर, इस संहिता में विधि की भूल द्वारा किया गया किसी भी प्रकार का अपराध क्षमा योग्य नहीं है कोई व्यक्ति यह नहीं कह सकता है कि उसे किसी कानून की जानकारी थी, क्योंकि जब कोई विधि (कानून) लागू होता है तो भारत सरकार या राज्य सरकारें उसकी अधिसूचना जारी करती है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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