BNS 17 - अपराध को रोकने, बल प्रयोग वाला व्यक्ति किस कानून के अंतर्गत अपराधी नहीं

Bhopal Samachar
न्यायसंगत या न्यायानुमत कार्य वह कार्य होता है जो विधि के अनुसार सही हो अर्थात ऐसा कार्य जिससे किसी भी प्रकार से हो रहे अपराधों को रोकना या किसी भी प्रकार के अत्याचार को रोकना न्यायानुमत या न्यायसंगत कार्य होता है। 

आपको किसने अधिकार है दिया है अत्याचार या अपराध को रोकने का

एक अच्छे नागरिक का कर्तव्य और फर्ज होता है कि वह किसी निर्दोष व्यक्ति पर हो रहे अत्याचारों या अपराधों को रोके, लेकिन बहुत सी बार ऐसा देखने को मिला है जब कोई आम व्यक्ति ऐसा करता है अर्थात्‌ अपराध को होने से रोकता है तब पुलिस अधिकारी ही आम व्यक्ति से बोलता है कि आपको किसने अधिकार है दिया है अत्याचार या अपराध को रोकने का। तब आप ऐसे पुलिस अधिकारी को बता सकते हैं कि जिस कानून ने उनको यह अधिकार दिया है, हमे भी वहीं से मिला हैं। जानिए :-
   

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 17 की परिभाषा:-

कोई भी व्यक्ति ऐसा कार्य जो विधि के अनुसार न्यायानुमत है, तब वह कानून को ध्यान में रखते हुए ऐसा कार्य करता है वह किसी भी प्रकार से अपराध नहीं माना जाएगा। उधारानुसार:- अगर कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ बलात्कार करने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में कोई अन्य व्यक्ति, बलात्कार करने वाले व्यक्ति को, रोकने के लिए बलप्रयोग करता है। अपराधी को गिरफ्तार करके पुलिस हिरासत में देता है तब वह व्यक्ति, जिसने अपराध को होने से रोका हैं, उसने किस भी प्रकार का कोई अपराध नहीं किया हैं। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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