BNS 26 - इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु हो जाए तो डॉक्टर को क्या सजा मिलेगी, जानिए

कहते हैं कि डॉक्टर मरीज को लिए भगवान का रूप होते हैं, वह अपने मरीज को बचाने के हर सम्भव प्रयास भी करते हैं  इसी की ध्यान में रखते हुए। उच्चतम न्यायालय ने कहा बिना किसी कारण के डॉक्टर पर यदि आपराधिक मामला चलाया जाएगा तो समाज के लिए यह हितकर नहीं होगा क्योंकि डॉक्टर किसी मरीज का स्वतंत्रता से इलाज नहीं कर सकेगा एवं रोगी और डॉक्टर के बीच में विश्वास गिरने लगेगा। डॉक्टर अपनी प्रतिरक्षा के लिए अधिक चिंतित होंगे इस लिए डॉक्टरों को कानून में इलाज करने की स्वतंत्रता दी है अर्थात उसके इलाज करते हुए मरीज़ की मृत्यु हो जाती है तो वह अपराध नहीं होगा। जानिए:-

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 26 की परिभाषा

बिना आपराधिक उद्देश्य से किसी व्यक्ति के फायदे के लिए उसकी सहमति से सावधानीपूर्वक किया गया कार्य जिसके कारण कोई गंभीर उपहति या मृत्यु कारित हो जाए, वह BNS की धारा 26 के अंतर्गत किसी भी प्रकार का अपराध नहीं होगा। अर्थात यदि डॉक्टर का उद्देश्य मरीज का इलाज करना है, और वह सावधानीपूर्वक सही इलाज कर रहा है, ऐसी स्थिति में मरीज की मृत्यु हो जाए तो उसे भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 26 के तहत संरक्षण प्रदान किया गया है, परंतु यदि कोई डॉक्टर, मरीज की मृत्यु करने के उद्देश्य से गलत इलाज करता है। तब उसे इस धारा के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा।

जुम्मन खाँ बनाम सम्राट - मरीज की मृत्यु के लिए डॉक्टर की जिम्मेदारी

मामले में न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया कि जहाँ किसी डॉक्टर को धारा-88 (अब वर्त्तमान में  BNS की धारा 26) के अधीन संरक्षण दिए जाने का प्रश्न हैं, मामले में तीन बातों पर विचार किया जाना आवश्यक है। 
पहला यह कि रोगी को यह पता हो कि इलाज या ऑपरेशन जोखिम भरा है इससे उसे खतरा उत्पन्न हो सकता है या कोई गंभीर हानि भी। 
दूसरा यह कि इसके लिए रोगी की सहमति (स्वीकृति) आवश्यक है। 
तीसरा यह कि डॉक्टर द्वारा अपना कार्य सद्भावनापूर्वक किया गया हो,अर्थात अपने कार्य में सावधानी एवं सतर्कता बरती हो तभी इस धारा के अंतर्गत बचाव मिल सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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