भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 34 कहती है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति या अपने जीवन की रक्षा करने के लिए कोई कार्रवाई करता है, तो वह अपराध नहीं होगा।
उदाहरण के लिए : -
1. अगर कोई व्यक्ति अपने घर में घुसने वाले चोर को रोकने के लिए शारीरिक बल का उपयोग करता है, तो यह अपराध नहीं होगा।
2. अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति की रक्षा करने के लिए कुत्ते का उपयोग करता है और कुत्ता हमलावर को काटता है, तो यह अपराध नहीं होगा।
3. अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन की रक्षा करने के लिए हमलावर पर हमला करता है, तो यह अपराध नहीं होगा।
सेल्फ डिफेंस से संबंधित महत्वपूर्ण जजमेंट जानिए :-
1. जगदीश चंद्र बनाम राजस्थान राज्य:- मामले में न्यायालय द्वारा कहा गया कि यदि आपसी रंजिश और क्रोधी स्वभाव के कारण एक व्यक्ति बंदूक से दूसरे व्यक्ति पर वार करता है तो ऐसी दशा में दूसरे व्यक्ति द्वारा बंदूक से जवाबी वार किया जाना प्रतिरक्षा के अधिकार के अंतर्गत न्यायोचित माना जाएगा। वह दूसरा व्यक्ति, प्रथम व्यक्ति की हत्या का दोषी नहीं होगा।
2. अब्दुल हामिद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य :- मामले में दो दलों के आपसी झगड़े में तीन व्यक्ति मारे गए घटना के तथ्यों संबधी सबूतों के आधार पर यह जानना कठिन था कि किस दल ने आत्मरक्षा के अधिकार का उल्लंघन किया। अतः सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया।
लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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