बहुत से लोग लड़कों की चाहत में भ्रूण हत्या करवा देते हैं अर्थात गर्भपात करवा देते हैं,ऐसे ही बहुत से पति पत्नी भी ऐसे होते हैं जो बच्चे जन्म से पहले ही मार देते हैं इसके लिए नए कानून में भी दण्ड का प्रावधान यथावत रखा गया है। जानिए :-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 88 की परिभाषा
जो कोई स्त्री या उसका पति, मित्र साथ मिलकर स्वेच्छा से गर्भपात करवाती है या करवाता है और यह गर्भपात महिला के जीवन बचाने के उद्देश्य से नहीं किया गया हो तब वह व्यक्ति BNS की धारा 88 के अंतर्गत दोषी होगे। नोट- समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार किसी स्त्री की जीवन बचाने, बलात्कार से पीड़ित स्त्री का गर्भपात करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है।
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 section 88 Punishment
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं, अर्थात् पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं होगी लेकिन NCR लिखी जा सकती है। इस अपराध का न्यायालय में परिवाद लगाया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। यह अपराध में राजीनामा किया जा सकता है पीड़ित महिला के साथ। दण्ड:- इस धारा के अपराध के लिए तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है, लेकिन स्त्री के गर्भ में अगर शिशु की धड़कन शुरू हो गई है और तब उसका गर्भपात करवाया जाता है तब सजा- अधिकतम सात वर्ष और जुर्माना से दण्डित किया जाएगा। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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