किसी भी जीवित व्यक्ति की हत्या करना, पहले भारतीय दंड संहिता और अब भारतीय न्याय संहिता, दोनों में जघन्य अपराध है और मृत्युदंड तक का प्रावधान है परंतु माता के गर्भ में पल रहे प्राणी को कानूनी तौर पर मानव नहीं माना जाता। ऐसी स्थिति में भ्रूण हत्या के लिए नए कानून में क्या प्रावधान किए गए हैं। पढ़िए:-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 91 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति, किसी शिशु के जन्म से पहले उसे जीवित पैदा होने से रोकता है या जन्म देने के तुरंत बाद उसे मार देता है, तब वह व्यक्ति भारतीय न्याय संहिता की धारा 89 के अंतर्गत दोषी होगा। नोट:- माता या महिला के जीवन बचाने के लिए शिशु को मारवाना दण्डनीय अपराध नहीं होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 section 91 Punishment
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय होते हैं अर्थात इस अपराध में डारेक्ट पुलिस एफआईआर लिख सकती है। ज़मानत के लिए कोर्ट में आवेदन करना होगा। इस अपराध की सुनवाई सेशन कोर्ट द्वारा की जा सकती है। दंड :- इस अपराध के लिए अधिकतम आजीवन कारावास या दस वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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