Directorate of Public Instruction, Bhopal द्वारा नियमों का उल्लंघन, मनमाने आदेश और शिक्षकों, कर्मचारी एवं शिक्षक भर्ती के उम्मीदवारों को प्रताड़ित किए जाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश में EOW कैंडीडेट्स में एक पिटीशन फाइल की है। बताया है कि लोक शिक्षण संचालनालय ने उनके क्रांतिकारी चेंज कर दी और उनकी मर्जी और जानकारी के बिना Tribal Welfare Department में उनकी पोस्टिंग कर दी। जबकि निर्धारित प्रक्रिया में Choice Filling का प्रावधान है।
MP government teachers recruitment - ना पूछा ना बताया, जबरदस्ती पोस्टिंग कर दी
ओबीसी/एस सी/एसटी के अभ्यार्थी के साथ अब EOW वर्ग के प्राथमिक शिक्षकों में सागर निवासी शिवानी मिश्रा, नरेश राजपूत, सुधीर देवलिया शुभम उर्मालिया, दीपक चौबे, शैलेन्द्र उपाध्याय ने अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया कि, उनकी श्रेणी को EOW से अनारक्षित वर्ग में परिवर्तित करके उनकी पदस्थापना जनजातीय कार्य विभाग में मंडला की गईं है, जबकि याचिकाकर्ताओं से कम अंक वाले सैकड़ो अभ्यर्थियों को उनके गृह जिला के स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थापना कर दी गईं है।
आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को हाई कोर्ट का नोटिस जारी
उक्त याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस श्री सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा की गई। याचिका को स्वीकार करके स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, कमिश्नर डी.पी.आई. तथा व्यापम को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जबाब तलब किया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने की।
विनम्र निवेदन 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें।