KAMAL NATH - पुराने फोटो दिखाकर नया पद प्राप्त करने की कोशिश, इस बार संजय नहीं राजीव

Bhopal Samachar
राजनीति में कितनी बेवफा होती है। जिस गांधी परिवार के लिए कमलनाथ ने अपनी उम्र के मूल्यवान 40 वर्ष खर्च कर दिए। इस गांधी परिवार ने कमलनाथ को दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर बाहर कर दिया। कभी संजय गांधी से मित्रता पर अभिमान करने वाले कमलनाथ को राजीव गांधी के साथ पुराने फोटो वायरल करवाने पड़ रहे हैं। 

इंदिरा गांधी के नाम पर ही सही, थोड़ा तो सम्मान करो

कमलनाथ ने अपने मीडिया एडवाइजर श्री पीयूष बबेले के माध्यम से 2 पुराने फोटो वायरल करवाए हैं। एक फोटो में वह पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ दिखाई दे रहे हैं। दूसरे फोटो में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के साथ नजर आ रहे हैं। सबको पता है कि इंदिरा गांधी ने एक चुनावी सभा में हारते हुए कमलनाथ को जिताने के लिए, अपना तीसरा बेटा बोल दिया था। यह भी सब जानते हैं की कमलनाथ ने श्रीमती इंदिरा गांधी को कभी अपनी दूसरी माता नहीं कहा। अब कमलनाथ चाहते हैं की पूरी कांग्रेस, केवल इतना याद रखें कि इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना तीसरा बेटा बताया है। इस नाते उन्हें सम्मान, पद और प्रतिष्ठा दी जाए। 

इस बार संजय, नहीं राजीव

जहां तक दूसरे फोटो का प्रश्न है। श्री कमलनाथ पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के साथ मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। शायद दोनों के बीच कोई चर्चा चल रही है, लेकिन यह नोट करने वाली बात है। कमलनाथ ने राजीव गांधी के साथ अपना फोटो वायरल करवाया। जबकि इससे पहले तक वह संजय गांधी के साथ अपनी मित्रता पर गर्व किया करते थे।

ना पद, ना प्रतिष्ठा - अपनी ही कांग्रेस में अछूत हो गए हैं 

पिछले साल इन दिनों की बात है। मध्य प्रदेश और देश का प्रत्येक राजनीतिक पंडित, कमलनाथ मुख्यमंत्री मां बैठा था। कॉन्फिडेंस का लेवल इतना ओवर हो गया था कि, श्री पीयूष बबेले स्वयं को मध्य प्रदेश सरकार का जनसंपर्क मंत्री मानने लगे थे। चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस में युवाओं की ऊर्जा का केंद्र श्री नकुलनाथ ने लोगों से मध्य प्रदेश की टीम का नाम पूछ लिया था। एक चुनाव क्या हारे, मानो सारा किला, भरभराकर गिर गया। लोकसभा का चुनाव तो हारे ही। जो समर्थन अपने जीवन की अंतिम सांस और रक्त की अंतिम बूंद तक "कमलनाथ की भक्ति" का प्रण लिये बैठे थे। वह भी सामने सीना तानकर खड़े हो गए।

लेकिन एक बात माननी पड़ेगी। श्री कमलनाथ का जिगरा भी फौलादी है। इतने अपमान और दुर्गति के बावजूद 77 साल की उम्र में VRS लेने की वजह सक्रिय राजनीति बने रहने की हर आखिरी कोशिश कर रहे हैं।

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