मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में कर्मचारियों के बीच कितनी पॉलिटिक्स चलती है इतनी तो कांग्रेस पार्टी में नेताओं के बीच भी नहीं चलती। छिंदवाड़ा के एक प्राथमिक शिक्षक का गुपचुप ट्रांसफर कर दिया। शिक्षक को बताया तक नहीं। ट्रांसफर आर्डर की 1 साल बाद शिक्षक को रिलीव कर दिया गया। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ऐसे मनमाने आदेश को निरस्त कर दिया है।
छिंदवाड़ा के शिक्षक राजेन्द्र डहरिया का स्थानांतरण विवाद
श्री राजेन्द्र डहरिया, प्राथमिक शिक्षक, प्राथमिक शाला, साहू धाना घोघरा में पदस्थ हैं। श्री राजेन्द्र डहरिया का ट्रांसफर दिनांक 10/08/23 को प्राथमिक शाला, शाहू धाना, से हाई स्कूल सजानपनीतोला जिला छिंदवाड़ा किया गया था अपितु ट्रांसफर आदेश को एक वर्ष तक विभाग द्वारा लागू करने का प्रयास नहीं किया गया था। लगभग एक साल बाद, दिनांक 13/09/24 को श्री राजेन्द्र डहरिया को स्थानांतरित शाला के लिए रिलीव कर दिया गया था।
शासकीय कर्मचारी के ट्रांसफर आर्डर के पालन की टाइम लिमिट
शिक्षक द्वारा, हाई कोर्ट जबलपुर के सम्मुख, रिवीलिंग आदेश 13/9/24, को चुनौती दी गई। शिक्षक की ओर से, कोर्ट में पैरोकार अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया की याचिका कर्ता का ट्रांसफर दिनांक 10/08/23 प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर किया गया था। ट्रांसफर कर्मचारी के संज्ञान नही था, उस दौरान प्रशासनिक ट्रांसफर आदेश दिनांक 10/08/23 का पालन नही हुआ था। अतः ट्रांसडर आर्डर अपनी वैधता खो चुका है। अतः परिणामिक कार्यमुक्ति आदेश दिनांक 13/09/24 भी विधि विरूद्ध है।
अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी के तर्कों को सुनने के बाद, उच्च न्यायालय, जबलपुर की सिंगल बेंच ने, रिलीविंग आदेश दिनांक 13/09/24 को निरस्त कर दिया गया है। साथ ही आदेशित किया है कि श्री डहरिया प्राथमिक शिक्षक, प्राथमिक शाला, साहू धाना, जिला छिंदवाड़ा, में पदस्थ रहेंगे।
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