जिस मामले में मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल इंवॉल्व हो जाए, उसमें विवाद ना हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया गंभीरता की स्थिति तक विवादित हो गई है। हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हो गईं हैं। पन्ना जिले के एक शिक्षक के मामले में तो उच्च न्यायालय ने, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हारिज होने का आदेश दिया है।
समिति ने निर्णय लिया है तो डिसीजन की कॉपी क्यों नहीं दे रहे
उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील अमित चतुर्वेदी ने बताया कि पन्ना जिले में पदस्थ श्री इशाक अली, माध्यमिक शिक्षक, द्वारा अतिशेष ट्रांसफर को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। अपितु, श्री अली सरप्लस सूची में शामिल नहीं हैं। बहस के दौरान, अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी द्वारा कोर्ट को बताया कि शासकीय अधिवक्ता, डीईओ ऑफिस द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, कोर्ट में बयान दे रहे हैं कि समिति ने निर्णय ले लिया है परंतु, आपत्ति इस बात की है उनके निर्णय के प्रति शिक्षक को नहीं दी गई है। परिणाम स्वरूप याचिका खारिज हो रही है।
आयुक्त स्वयं बताएं, शिक्षक को सूचना देने में क्या परेशानी है
इशाक अली के केस में, सरकारी वकील द्वारा कहा गया कि उनका आवेदन मंजूर किया जा रहा है। कोर्ट ने असंतोष व्यक्त करते हुए, आदेश जारी करते हुए, कहा कि आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल, दिनांक 8 नवम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होकर, जवाब दें कि क्या निर्णय लेने एवं उसे शिक्षक तक सूचित करने में देर क्यों हो रही है।
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