जबलपुर स्थित हाईकोर्ट आफ मध्यप्रदेश ने आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक के उस ट्रांसफर को निरस्त कर दिया है, जो मनमाने तरीके से किया गया था। स्पष्ट हुआ कि आयुक्त को किसी भी शिक्षक के मनमाने ट्रांसफर कर अधिकार नहीं है। नियमों का पालन करना होगा।
पद रिक्त नहीं था फिर भी ट्रांसफर कर दिया
श्री विवेक मिश्रा उच्च माध्यमिक शिक्षक (संस्कृत) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, दामोखर, जिला उमरिया में पदस्थ हैं। श्री मिश्रा का ट्रांसफर दिनांक 18/09/24 को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नौगावां जिला उमरिया कर दिया कर दिया गया था। अपितु, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, नौगावां जिला उमरिया में, संस्कृत का पद रिक्त नहीं था।
हाईकोर्ट में वकील की दलील
श्री विवेक मिश्रा ने ट्रांसफर से पीड़ित होकर, हाई कोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की थी। श्री मिश्रा की ओर से पैरोकार उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बहस के दौरान कोर्ट को बताया कि, ट्रांसफर नीति में स्पष्ट प्रावधान है कि ट्रांसफर के पूर्व यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि स्थानांतरण के स्थान पर पद रिक्त हो। अपितु, आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा नियमों की अनदेखी कर श्री मिश्रा का ट्रांसफर कर दिया है।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी के तर्को से सहमत होकर, उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा ट्रांसफर आदेश दिनांक 18/09/24 को निरस्त कर दिया गया है।श्री विवेक मिश्रा धामोखर ने पदस्थ रहेंगे।
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