मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में जबलपुर लोकायुक्त पुलिस द्वारा सहायक आबकारी अधिकारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इस मामले में समस्या रिश्वत नहीं थी बल्कि शिकायतकर्ता इस बार से नाराज था कि एक साल में, रिश्वत की किस्त में 43% की वृद्धि कर दी गई थी।
रिश्वत से समस्या नहीं थी, रिश्वत में वृद्धि का विरोध हुआ
मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों को 7वां वेतनमान और 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। यह लाखों कर्मचारियों की क्षमता और योग्यता से बहुत अधिक है परंतु कुछ पद ऐसे भी हैं, यदि सरकार उन्हे वेतन देना बंद कर दे, तब भी वो काम करना बंद नहीं करेंगे। आबकारी विभाग में भी ऐसे ही कुछ पद हैं। सिवनी जिले के एक शराब ठेकेदार राकेश साहू ने अपनी शिकायत में बताया कि, वह हर महीने 3 लाख 70 हजार रुपए महीने रिश्वत देते थे। सहायक आयुक्त (डीईओ) शैलेश कुमार जैन ने यह रकम बढ़ाकर 5 लाख रुपए महीने कर दी। सिर्फ एक साल के अंतर में रिश्वत की मासिक किस्त में 43 प्रतिशत वृद्धि कर दी। ठेकेदार राजेश साहू, का कहना है कि रिश्वत से समस्या नहीं है, मासिक किस्त में 43 प्रतिशत की वृद्धि उन्हें मंजूर नहीं है। इसलिए उन्होंने लोकायुक्त पुलिस जबलपुर से शिकायत कर दी।
सिवनी के सहायक आबकारी अधिकारी पवन कुमार झारिया गिरफ्तार
लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े ने बताया कि सिवनी जिले के सहायक आबकारी अधिकारी (एडीईओ) पवन कुमार झारिया को साढ़े 3 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। झारिया ने विभाग के सहायक आयुक्त (डीईओ) शैलेश कुमार जैन के कहने पर रिश्वत ली थी। लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, सिवनी के खैरा पलारी तिगड्डा पर रहने वाले राकेश कुमार साहू के पास 3 शराब दुकानों का ठेका है। दुकानों को चलाने के लिए आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त शैलेश जैन ने 5 लाख रुपए महीने की मांग की थी। शिकायत की जांच हुई तो पता चला कि शैलेश जैन ने एडीओ पवन कुमार झारिया को रिश्वत की रकम के साढ़े तीन लाख रुपए देने को कहा है।
अकेले सिवनी से 1 करोड़ मासिक रिश्वत की वसूली
इसके बाद मंगलवार शाम को पवन झारिया को ट्रैप करने की कार्रवाई की गई। झारिया ने जैसे ही रिश्वत की रकम ली, उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक पवन कुमार झारिया बतौर सहायक आबकारी अधिकारी साढ़े 3 साल और सहायक आबकारी आयुक्त शैलेश कुमार जैन ढाई साल से पदस्थ हैं। सिवनी जिले के आठ विकासखंडों में कुल 58 शराब दुकानें हैं। यदि रिश्वत के इसी फार्मूले को अप्लाई किया जाए तो अकेले सिवनी जिले से 1 करोड़ रुपए मासिक रिश्वत की वसूली की जाती है।
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