इन्दौर। वरिष्ठ नागरिक पेंशनर एसोसिएशन मध्यप्रदेश के प्रांतव्यापी आव्हान पर मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 की छठी अनुसूची को विलोपित करने सहित अन्य कई लंबित मांगों को लेकर प्रदेशभर के पेंशनर लामबंद हो गए हैं। जिला मुख्यालयों पर हजारों की तादाद में एकत्रित होकर धरना दिया और फिर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपे गए। इसके पूर्व धरना स्थल पर वक्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर पेंशनरों के साथ दोयम दर्जें का आरोप लगाते हुए भेदभाव मिटाने की मांग भी की।
वरिष्ठ नागरिक पेंशनर एसोसिएशन का विरोध प्रदर्शन
यह जानकारी वरिष्ठ नागरिक पेंशनर एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष राजेश जोशी ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में दी। इन्दौर में आयोजित धरने में प्रांतीय महिला प्रकोष्ठ कमला द्विवेदी, प्रांतीय संगठन सचिव बी.सी.जैन, प्रांतीय मीडिया प्रभारी आर.के.शुक्ला, प्रांतीय उपाध्यक्ष रामचन्द्र दुबे, प्रांतीय समन्वयक वीरेन्द्र शर्मा और प्रांतीय सचिव दीपक धनोड़कर सहित जिलेभर के हजारों पेंशनरों ने शिरकत करते हुए सभा को भी संबोधित किया। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार दुबे ने जबलपुर में धरना प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए पेंशनरों के लिए प्रांतव्यापी आंदोलन का आगाज किया। श्री जोशी ने बताया कि इंदौर संभाग के इंदौर जिले के अलावा धार और खरगोन जिले में भी जोरदार प्रदर्शन करते हुए धरना दिया गया। धार में धरने का नेतृत्व इंदौर से पहुंचे एसोसिएशन के संभागीय सचिव किशोर शर्मा एवं सुभाषचन्द्र पाटीदार ने किया। संभाग के बड़वानी में विजय जैन, झाबुआ में श्रीमती शांति वसुनिया और अलीराजपुर जिला मुख्यालय पर प्रतापसिंह सिसौदिया एवं प्रांतीय सचिव श्रीमती जयश्री महोदय के नेतृत्व में धरना दिया गया।
धरना स्थल पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि पेंशनरों ने अपने जीवन का गोल्डन पीरियड सरकार की सेवा में गुजार दिया और अपने जीवन के उत्तरार्द्ध में सरकार उनके साथ दोयम दर्जें का सलूक कर रही है। सरकार नियमित कर्मचारियों को महंगाई भत्ते एवं अन्य सुविधाओं की घोषणा तो कर देती है, मगर पेंशनरों को धारा 49 के नाम पर लटकाया जाता है और बाद में उनकी एरियर राशि भी डकार ली जाती है। पेंशनरों के पक्ष में म.प्र. उच्च् न्यायालय ने लंबित एरियर राशि का भुगतान करने का फैसला दिया है, फिर भी प्रदेश सरकार उनके हितों पर कुंडली मारकर बैठी हुई है। धरनास्थल पर लामबंद हुए पेंशनरों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए चेताया कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो आंदोलन और उग्र होगा।
धरना स्थल पर सभा के समापन पर पेंशनरों का मौन जुलूस कलेक्टर कार्यालय पहुंचा, जहां आधा घंटे तक नारेबाजी की गई। इसके बाद कलेक्टर के प्रतिनिधि अधिकारी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। इसके पूर्व ज्ञापन का वाचन पेंशनर महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष कमला द्ववेदी ने किया। आभार सुभाषचन्द्र वर्मा ने माना।
पेंशनरों की प्रमुख मांगे इस प्रकार है :-
1. राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित किया जाए।
2. पेंशन कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए।
3. महंगाई राहत का भुगतान केन्द्र की तिथि से किया जाए।
4. कोर्ट के निर्णयानुसार 32 माह के लंबित एरियर का भुगतान तुरंत किया जाए।
5. गौहाटी कोर्ट के निर्णयानुसार आयु वृद्धि के साथ पेंशन वृद्धि के प्रावधान किए जाए।
6. शिक्षक संवर्ग को अन्य संवर्ग की तरह अर्जित अवकाश का नगदीकरण किया जाए।
7. केन्द्र की तरह राज्य के पेंशनर परिवारों को परिवार पेंशन का लाभ दिया जाए।
8. पेंशनरों को प्लेन एवं रेल यात्रा में 50 प्रतिशत की छूट की बहाली की जाए।
9. 2005 से बंद पुरानी पेंशन को पुन: बहाल किया जाए।
10. सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के जांच प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जाए।
11. पेंशनरों के निधन पर कर्मचारियों की तरह पचास हजार की अनुग्रह राशि दी जाए।
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