मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट से जब केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सुपुत्र श्री कार्तिकेय सिंह चौहान को पॉलिटिक्स में नेपोटिज्म के कारण उपचुनाव का टिकट नहीं मिला तो चौहान परिवार ने अपने रोबोट रमाकांत भार्गव को टिकट दिलवा दिया। शुरुआत में मार्केटिंग की गई थी, श्री रमाकांत भार्गव तो सिर्फ एक नाम है। चुनाव प्रचार की कमान श्री कार्तिकेय सिंह चौहान संभालेंगे और वह अकेले ही चुनाव जिताकर ले जाएंगे, परंतु ऐसा हुआ नहीं। हालत इतनी पतली है कि, श्री शिवराज सिंह चौहान को बैक टू बैक बुधनी आना पड़ रहा है।
शिवराज सिंह चौहान - अपने चुनाव में हाथ जोड़ने भी नहीं आए थे, उपचुनाव में 12 सभाए ले चुके हैं
बुधनी विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रत्याशी श्री रमाकांत भार्गव की हालत इतनी ज्यादा पतली है कि, श्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड का प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव छोड़कर बार-बार बुधनी आना पड़ रहा है। अब तक 12 सभाएं ले चुके हैं। 1-2 रोड शो की उम्मीद है। नामांकन फॉर्म भरने से पहले तक श्री कार्तिकेय सिंह चौहान बुधनी उपचुनाव के हीरो थे। अब पता भी नहीं चल रहा है की भीड़ में कहां छुपे हुए हैं। दहशत का लेवल देखिए कि राजपूत समाज को मनाने के लिए राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के कार्यक्रम आयोजित करवाने पड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से लेकर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हर उस नेता को बुधनी बुलाया जा रहा है जो 100 वोट प्रभावित कर सकता है।
बुधनी में दिग्विजय सिंह की कृपा से जीतेगी बीजेपी
कहा जा रहा है कि इस बार बुधनी विधानसभा सीट से यदि भारतीय जनता पार्टी की जीत होगी तो वह पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह की कृपा के कारण होगी। उन्होंने अर्जुन आर्य का बुधनी विधानसभा क्षेत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भरपूर उपयोग किया परंतु जब टिकट देने की बारी आई तो अपनी अंदर वाली पॉकेट से राजकुमार पटेल को बाहर निकाल दिया। अर्जुन आर्य को दिग्विजय सिंह का उसे एंड थ्रो पसंद नहीं आया। अब वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में है। बुधनी विधानसभा के लोकप्रिय किसान और आदिवासी समाज के नेता हैं। नुकसान तो कांग्रेस को ही करेंगे।