मध्य प्रदेश के नए जिले मऊगंज में चिंता की स्थिति निर्मित हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्री प्रदीप पटेल को पुलिस ने हिरासत में लेकर रेस्ट हाउस में बंद कर दिया था। गुरुवार रात 11:00 बजे जब पुलिस ने दरवाजा खोला तो पता चला कि उन्होंने कमरे को अंदर से बंद कर लिया है। मोबाइल स्विच ऑफ है।
भाजपा विधायक को पुलिस ने हिरासत में लेकर गेस्ट हाउस में बंद किया था
मऊगंज पुलिस ने भाजपा विधायक प्रदीप पटेल को सोमवार को हिरासत में लेकर रीवा के सामुदायिक भवन में अस्थाई जेल में रखा था। वहां से गुरुवार को रिहा किया गया और फिर से हिरासत में लेकर नईगढ़ी रेस्ट हाउस में एक अलग कमरे में बंद कर दिया। विधायक प्रदीप पटेल को गुरुवार रात 9:30 बजे हिरासत में लेकर नई गढ़ी रेस्ट हाउस ले जाया गया था। यहां करीब 10:15 बजे से रात 11 बजे तक एएसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। उनके जाने के बाद भाजपा विधायक ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। विधायक पटेल के खुद को कमरे में कैद करने की जानकारी मिलने के बाद मौके पर कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव, एसपी रसना ठाकुर भी पहुंची। उन्होंने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया।
पुलिस दरवाजा तोड़ने की तैयारी में
विधायक के करीबी रहे संतोष तिवारी को बुलाया गया। शाम करीब 4.30 बजे मनगवां विधायक नरेंद्र प्रजापति नईगढ़ी रेस्ट हाउस में विधायक प्रदीप पटेल से मिलने गए। बताया गया है कि दोनों विधायकों के बीच में करीब 1 घंटे तक बातचीत हुई है लेकिन भाजपा विधायक ने उनके जाने के बाद फिर से दरवाजा बंद कर लिया।प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि हमने विधायक पटेल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। हमने उनकी पत्नी को बुलाया है। जैसे ही वह आएंगी तो उनकी बात कराई जाएगी। नहीं तो दरवाजा तोड़ दिया जाएगा।
भाजपा विधायक इतने आंदोलित क्यों है, मामला क्या है
दरअसल, देवरा गांव के महादेवन मंदिर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। पूरा विवाद 9 एकड़ 27 डिसमिल जमीन को लेकर है। यहां मुस्लिम और अनुसूचित जाति परिवारों के करीब 70 से 75 घर हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों का का दावा है कि यहां उनके पुश्तैनी मकान हैं। उनकी ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में पिटीशन भी दायर की गई है। विधायक प्रदीप पटेल सोमवार को जेसीबी लेकर महादेवन मंदिर के पास मौजूद दो एकड़ की विवादित जमीन पर पहुंच गए थे। दोनों तरफ से पथराव हुआ था। जिसके बाद विधायक और उनके सहयोगियों को हिरासत में ले लिया गया था। विधायक को हिरासत में लेने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच रीवा के पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन में रखा गया था। जब उन्हें रिहा किया गया तो फिर से विवाद जमीन पर पहुंच गए इसलिए उन्हें फिर से हिरासत में लिया गया था।
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