मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत 4% वोटो के अंतर से उपचुनाव हार गए हैं। इसके बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। विजयपुर थाना टीआई पप्पू सिंह यादव नहीं तो रामनिवास रावत को विजयपुर का गब्बर सिंह तक बता दिया है।
जब गब्बर ही नहीं रहा तो गब्बर के आदमी कहां रहेंगे
चुनाव के रिजल्ट वाले दिन शनिवार को विजयपुर की सुनवाई रोड इलाके का बाजार बंद हो गया था। आम दिनों में यह बाजार सुबह 8:00 खुल जाता है परंतु रविवार को सुबह 10:00 बजे तक बाजार नहीं खुला। लोगों ने बताया कि जब भी चुनाव का नतीजा आता है, कुछ लोग बाजार में उपद्रव करने चले आते हैं। यह हर बार होता है इसलिए दुकानदारों ने अपनी सुरक्षा के लिए, स्वेच्छा से बाजार बंद कर दिया था। जब स्थानीय पत्रकारों ने इस बारे में विजयपुर थाना टीआई पप्पू सिंह यादव प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा कि, परिणाम के बाद दुकान बंद हुई है, तो लोग सेलिब्रेशन करने चले गए होंगे। ऐसे में लोग सेलिब्रेशन के मूड में आ जाते हैं। कोई बात नहीं है क्योंकि, जब गब्बर ही नहीं रहा तो गब्बर के आदमी कहां रहेंगे।
रामनिवास का संकल्प रामनिवास के लिए हानिकारक साबित हुआ
बात सन 2019 की है, जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे तब सिंधिया की कृपा से कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बने रामनिवास रावत ने पार्टी नहीं बदली। उन्होंने गांव-गांवकर घूमकर सबको बताया कि सिंधिया गद्दार और अपन वफादार हैं। संकल्प दिलाया कि अपन सब कांग्रेस के साथ हैं और कांग्रेस के साथ ही रहेंगे। इस बार जब रामनिवास रावत ने पार्टी बदली तो उनके साथ भी बिल्कुल वैसा ही हुआ जैसा उन्होंने सिंधिया के साथ किया था। बूथ लेवल पर उनके समर्थकों ने उनके साथ पार्टी नहीं बदली। नतीजा कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद 4% वोटो से शर्मनाक शिकस्त का सामना करना पड़ा।
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