दिल्ली में राहुल गांधी को अपने घर बुलाकर और रोटी खिलाकर कमलनाथ भले ही थोड़ी देर के लिए लाइमलाइट में आ गए हो परंतु मध्य प्रदेश में कमलनाथ का फिर से पैर जमाना काफी मुश्किल लग रहा है। मध्य प्रदेश उपचुनाव में कमलनाथ का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में था। विजयपुर और बुधनी विधानसभा में उनके कार्यक्रम बनाए गए थे परंतु आज सुबह अचानक उनके सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए। अधिकृत तौर पर बताया गया है कि उनकी तबीयत खराब है और अनाधिकृत तौर पर कहा जा रहा है कि, दोनों विधानसभाओं के प्रत्याशियों ने कमलनाथ के लिए मना कर दिया है।
कमलनाथ के आने से उनके वोट कट जाएंगे
मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीट पर कमलनाथ के 5 और 6 नवंबर को कार्यक्रम निर्धारित किए गए थे। वह विशाल जनसभाओं को संबोधित करने वाले थे लेकिन आज 4 नवंबर की सुबह अचानक उनके सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए। कमलनाथ से गिफ्ट पोषित पत्रकारों ने बताया है कि, उनकी तबीयत खराब है इसलिए कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कमलनाथ किस अस्पताल में भर्ती है, और उनका क्या बीमारी हो गई है। जबकि कमलनाथ का विरोध करने वाले पत्रकारों का कहना है कि, विजयपुर और बुधनी विधानसभा के प्रत्याशियों ने कमलनाथ के लिए ना कर दिया है। वह नहीं चाहते की कमलनाथ, उनकी सीट पर आकर चुनाव प्रचार करें। उनको लगता है कि कमलनाथ के आने से उनके वोट कट जाएंगे।
कमलनाथ सिर्फ नाम के स्टार प्रचारक
कोई कुछ भी कहता है परंतु कहानी बिलकुल वैसी ही है जैसी शिवराज सिंह और उमा भारती के बीच में चली थी। उमा भारती लगातार खुद को मध्य प्रदेश में प्रथम पंक्ति का नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश करती रही और शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें हमेशा मध्य प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों से दर बनाए रखा। ताज कहानी में शिवराज सिंह की जगह दिग्विजय सिंह और उमा भारती की जगह कमलनाथ का नाम फिट कर दिया गया है। बाकी सब कुछ वैसा ही है।
कमलनाथ ने तो अपना भाषण भी तैयार कर लिया था
सोशल मीडिया के सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ ने तो विजयपुर और विधानसभा में होने वाली सभाओं के लिए अपना भाषण भी तैयार कर लिया था। उनका पूरा फोकस डॉक्टर मोहन यादव की सरकार को टारगेट करना था। वह पिछले 10 महीने के सरकारी कामकाज की समीक्षा करना चाहते थे। उन्होंने इंपॉर्टेंट पॉइंट्स भी बना लिए थे:-
- रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे।
- लाडली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं को ₹3000 वाला मुद्दा उठाएंगे।
- 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर को लेकर मुख्यमंत्री को टारगेट करेंगे।
- किसानों को बोनस और समर्थन मूल्य के मामले में सरकार पर सीधा हमला करेंगे।
- बजट की कमी के कारण देने योजनाओं की फंडिंग बंद कर दी गई है। उसको लेकर सवाल उठेंगे।
- महंगाई, खराब चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था, सड़कों का मेंटेनेंस, माफिया राज, नशे का कारोबार और बिजली कटौती को मुद्दा बनाएंगे।
- जनता से कहेंगे कि यदि सरकार को ठीक करना है तो इस चुनाव में नेगेटिव वोटिंग करो।
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