MP NEWS - अशोक नगर में नेताजी डिजिटल अरेस्ट हो गए, घर वालों ने पुलिस बुलाई

नेताओं का मूल काम होता है जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी दें और जागरूक करें ताकि जनता अपराधियों के जाल में फंसने से बचे, लेकिन मध्य प्रदेश के अशोक नगर में नेताजी खुद अपराधियों के जाल में फंस गए। पुलिस हर सप्ताह एडवाइजरी जारी कर रही है, परंतु नेताजी अपडेट नहीं थे। वह तो शुक्र है कि घर वालों ने पुलिस बुला ली और पुलिस ने नेताजी को बचा लिया। 

ASHOKNAGAR NEWS - भाजपा मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरवीर रघुवंशी डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल अरेस्ट से मुक्त हुए अशोकनगर के भाजपा जिला मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरवीर रघुवंशी ने बताया कि मंगलवार को मेरे मोबाइल फोन पर, अज्ञात नंबर से कॉल आ रहा था। इसके बाद बुधवार दोपहर को दोबारा काॅल आने पर उन्होंने उसे रिसीव कर लिया। शुरुआत में वाइस कॉल आई थी, इसके बाद में वीडियो कॉल आई। फोन पर सामने वाले व्यक्ति ने कहा कि आपका नाम से जो सिम है, इससे काफी फ्रॉड किया जा रहा है। कई लोगों से ठगी हुई है, जिसकी महाराष्ट्र के मुंबई में 17 शिकायत आई हैं। ठगों ने अक्टूबर महीने में यह रिपोर्ट दर्ज होने की बात कही। डॉ. रघुवंशी ने बताया कि उस समय ठग की बात सुनकर वह डर गए। 

डॉ रघुवंशी ने बैंक अकाउंट नंबर और आधार नंबर भी दे दिया

इसी दौरान ठगों में उन्हें बातों के जाल में फंसाया और कहा कि वह इस मामले में अधिकारियों से बात करते हैं। साथ ही यह भी कहा कि आप काॅल पर जुड़े रहें। धीरे-धीरे करके उन्हें अपने बातों में फंसाकर आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर ले लिया। इस दौरान लगभग दो से ढाई घंटे का समय बीत गया। आरोपी डॉ. रघुवंशी से ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करने की मांग करने लगे।

घर वालों ने पुलिस बुलाई

इसके बाद जब काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं निकले तो परिजन को शक हुआ। इस दौरान उन्होंने दरवाजा खोलने से भी मना कर दिया। इसके बाद परिजन समझ गए और उन्होंने तुरंत कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद थाने से टीम मौके पर पहुंची और पुलिस ने दरवाजा खुलवाया। इसके बाद पुलिस को सामने देखकर ठगों ने फोन काट दिया।

डॉ. हरवीर रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने ठग को अपनी चार-पांच बैंकों के नंबर दे दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्रसिंह ने बताया- यह मामला कोतवाली पुलिस के संज्ञान में आया है। हरवीर रघुवंशी को किसी अन्य फर्जी केस में फंसाने को लेकर बातों में फंसाएं रखा और उनसे बात चल रही थी। तभी पुलिस गई और डिजिटल अरेस्ट से उनको छुड़ाया गया। वह ठगी का शिकार होने से बच गए। उनकी ओर से आवेदन दिया जाएगा, तो कार्रवाई करेंगे। 

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