हाई कोर्ट ऑफ़ राजस्थान ने दो से अधिक संतान वाले कर्मचारी के प्रमोशन पर लगाई गई रोक को हटा दिया है। राजस्थान सरकार के निवेदन को मंजूर करते हुए कर्मचारियों को सशर्त प्रमोशन देने की अनुमति दे दी है। सभी प्रमोशन प्रचलित याचिका के निर्णय के अध्याधीन रहेंगे।
राजस्थान में कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए हाई कोर्ट में सरकार की दलील
राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव व न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने रोक के आदेश में संशोधन के लिए राज्य सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्र के आधार पर यह आदेश दिया।हाईकोर्ट ने इस मामले में संतोष व अन्य की याचिका के आधार पर 23 अगस्त को पदोन्नति पर रोक लगा दी थी। अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट को बताया कि कार्मिक विभाग ने 16 मार्च 2023 को अधिसूचना जारी कर पदोन्नति से वंचित दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों को राहत देने का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि यह प्रावधान याचिकाकर्ताओं की पूर्व में हो चुकी पदोन्नतियों पर कोई असर नहीं डालता, इसलिए अंतरिम आदेश के जरिए पूरी पदोन्नति प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता। इसलिए पूर्व में दिए गए आदेश को वापस लिया जाए। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार का आग्रह मान लिया।
सशर्त प्रमोशन से क्या तात्पर्य है
हाई कोर्ट ने सरकार को अनुमति तो दे दी है परंतु यह भी स्पष्ट किया है कि सभी संबंधित कर्मचारियों के प्रमोशन प्रचलित याचिका के निर्णय के अध्याधीन रहेंगे। इसका तात्पर्य है कि यदि प्रचलित याचिका में, सरकार के विरुद्ध निर्णय आता है तो सभी कर्मचारियों के प्रमोशन ऑटोमेटेकली रिजेक्ट हो जाएंगे। सभी कर्मचारियों का प्रमोशन वापस हो जाएगा और उन्हें पुराने पद पर काम कर रहा होगा। इस विषय पर कोई विवाद स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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