RBI BHOPAL पर भास्कर का गंभीर आरोप, बैक डोर से ब्लैक मनी को व्हाइट किया जा रहा है

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से संचालित दैनिक भास्कर ने भारतीय रिजर्व बैंक के भोपाल ऑफिस पर बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। राजधानी के प्रतिष्ठित पत्रकार श्री जितेंद्र मेहरा एवं विकास लिल्हारे की एक इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, एक संगठित गिरोह द्वारा पिछले 1 साल से ब्लैक मनी को व्हाइट किया जा रहा है। राजीव नगर बस्ती के 200 लोग हर रोज 2000 के नोट बदलवाने के लिए आते हैं। प्रत्येक व्यक्ति ₹20000 लेकर आता है। यानी हर रोज 40 लाख रुपए बदले जाते हैं। 

RBI BHOPAL ऑफिस में राजीव नगर बस्ती वालों के लिए अलग लाइन लगती है

पत्रकार श्री जितेंद्र मेहरा एवं विकास लिल्हारे की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में बताया गया है कि, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के भोपाल ऑफिस में रोजाना, राजीव नगर बस्ती के 200 महिला-पुरुष 2-2 हजार के नोट बदलवाने के लिए घंटों लाइन में लगते हैं। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि, ब्लैक मनी को वाइट करने वाला रैकेट सक्रिय है। बस्ती के लोगों को सुबह 7 से 9 बजे के बीच 2-2 हजार के 10 नोट दिए जाते हैं। मिलीभगत ऐसी कि नोट बदलवाने के लिए बस्ती वाले अपने आधार की फोटो कॉपी लेकर लाइन में लगते हैं। इनके लिए लाइन भी अलग होती है।

1 साल से ब्लैक मनी को व्हाइट किया जा रहा है

रिपोर्ट में दावा किया गया है की बस्ती के लोगों को 2-2 हजार के 10 नोट एक्सचेंज कराने के बदले इन्हें 200 रुपए मिलते हैं। कुल 20 हजार रुपए (2 हजार के नोट) लेकर ये आरबीआई जाते हैं। यहां इन्हें 15 हजार रुपए (500 के नोट) दिए जाते हैं। बाकी के 5 हजार रुपए 2-2 रुपए के सिक्के के रूप में दिए जाते हैं। बस्ती वाले यह पैसे राजीव नगर में संचालित दो दुकानों पर जमा करते हैं। फिर इन्हें बोरियों में भरकर लोडिंग ऑटो की मदद से बैरागढ़, रेतघाट, अशोका गार्डन सहित अलग-अलग इलाकों में पहुंचा दिया जाता है। बड़े कारोबारियों की ब्लैक मनी को ये एजेंट एक साल से व्हाइट करने में जुटे हुए हैं। इस कैलकुलेशन के हिसाब से 1 दिन में 40 लाख यानी 1 साल में लगभग 100 करोड रुपए, आरबीआई के कैंपस में ब्लैक से व्हाइट कर लिए गए हैं।

पूछताछ नहीं होती बल्कि 200 टोकन रिजर्व रहते हैं

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, आरबीआई से लगी हुई इस बस्ती के आसपास सीसीटीवी कैमरों की निगरानी है। 24 घंटे चारों कोनों पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती भी रहती है। इसके बाद भी रोज नोट बदलने वालों से कोई पूछताछ नहीं होती। आरबीआई में जाते ही सुरक्षा टीम मोबाइल फोन बंद करवा देती है। आरबीआई के मुख्य एंट्री गेट पर रोज नोट बदलवाने वालों को 300 टोकन बांटे जाते हैं। खास बात ये है कि इनमें 200 टोकन तो बस्ती वालों के लिए ही रिजर्व रहते हैं। 

रिजर्व बैंक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं 

समाचार के लिखे जाने तक रिजर्व बैंक आफ इंडिया के भोपाल ऑफिस से इस इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई थी। यहां क्लिक करके पत्रकार श्री जितेंद्र मेहरा एवं विकास लिल्हारे की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट पढ़ सकते हैं जो दैनिक भास्कर की न्यूज़ पोर्टल bhaskar dot com पर प्रकाशित हुई। 

आरबीआई पर भास्कर के आरोप

● आरबीआई के अंदर-बाहर सीसीटीवी कैमरे हैं। बस्ती से निकलकर एक ही व्यक्ति रोज नोट बदलवा रहा है। न तो कोई फुटेज देख रहा न ही गार्ड रोक रहे। 
● अंदर रजिस्टर पर आधार नंबर दर्ज होता है। रोज एक ही व्यक्ति का नंबर दर्ज किया जा रहा। देखने वाला कोई नहीं है। 
● आरबीआई के बाहर फेरीवालों को भी पता है कि बस्ती वाले एजेंट से नोट लेकर 2-2 हजार के नोट बदलवा रहे हैं, पर पुलिस-इंटेलिजेंस को भनक तक नहीं है। 
• आरबीआई के चारों ओर सुरक्षा चौकियां हैं। इन पर गार्ड 24 घंटे तैनात हैं। पीछे की चौकी से तो वे दुकानें भी दिख रही हैं, जहां बस्ती वाले सिक्के-नोट जमा कर रहे हैं। 
● रोज सिक्कों से भरी गाड़ियां गुपचुप तरीके से अलग- अलग इलाकों में पहुंच रही हैं। इन्हें रास्ते में भी कोई चेक करने वाला नहीं है। 
● आरबीआई का विजिलेंस विभाग भी अनजान। आरबीआई ने नोट बदलवाने की व्यवस्था शुरू कराई, लेकिन यहां फूलप्रूफ सिस्टम क्यों नहीं बनाया गया? 

विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। भोपाल के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें।
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!