UPSC MAINS क्लियर कर चुकी इंदौर की लड़की भोपाल में गिरफ्तार, मां की खुशी के लिए...

इंदौर में एक ड्राइवर की सुपुत्री जो यूपीएससी मेंस परीक्षा क्लियर कर चुकी है। अपनी मां को खुशी देने के लिए पुलिस की वर्दी पहनकर भोपाल आ गई लेकिन यहां आते ही पकड़ी गई। टीटी नगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। लड़की ने बताया कि उसकी मां बीमार है। वह केवल अपनी मां को विश्वास दिलाना चाहती थी कि उसका सलेक्शन हो गया है। जबकि एक्चुअल में अभी यूपीएससी का इंटरव्यू बाकी है। 

अपराध करने नहीं बल्कि मन की खुशी के लिए वर्दी बनवाई थी

मामला शुक्रवार शाम का है। मौसेरे भाई और भाभी के साथ इंदौर की रहने वाली लड़की भोपाल के न्यू मार्केट आई। उसने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। शाम को भाई-भाभी को यह कहते हुए टीटी नगर थाने ले आई कि यह उसका ऑफिस है, थाने से होकर आती हूं। थाने के मेन गेट से एंटर होकर कैम्पस में बने एसीपी ऑफिस पहुंची। वहां से थाने में आई और एक हेड कॉन्स्टेबल से बातचीत करने लगी। इसी दौरान थाना प्रभारी सुनील भदौरिया को सूचना दी गई की इंदौर से एडिशनल एसपी आई हुई है। प्रोटोकॉल के तहत थाना प्रभारी अपने केबिन से निकलकर आए। रिसीव किया तभी उनकी नजर युवती के बैज पर पड़ी। इस पर उसके नाम के साथ नंबर भी लिखा था। वह तत्काल समझ गए कि, यह लड़की एडिशनल एसपी नहीं है। उन्होंने लड़की से पुलिस डिपार्टमेंट से रिलेटेड बातचीत शुरू कर दी। लड़की जवाब नहीं दे पाई। घबरा गई। लड़की को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसकी मां की तबीयत बेहद खराब है। उन्हें खुशी देने के लिए उनके जीते जी सिलेक्शन होने और पुलिस डिपार्टमेंट में नौकरी की फर्जी कहानी रची।शुक्रवार को इंदौर से आई और भाई-भाभी को बताया कि वह नौकरी जॉइन कर चुकी है। उसका कार्यालय टीटी नगर में है। 

एसीपी चंद्र शेखर पांडे और टीआई सुनील भदौरिया के बीच मतभेद

इस घटना के दौरान एसीपी चंद्र शेखर पांडे और थाना प्रभारी सुनील भदोरिया के बीच में मतभेद उजागर हुए हैं। एसीपी चंद्रशेखर पांडे ने जो कहानी बताई, वह थाना प्रभारी सुनील भदोरिया की कहानी से बिल्कुल अलग है। उन्होंने बताया कि, युवती न्यू मार्केट में वर्दी के साथ देखी गई थी, तब महिला आरक्षकों ने संदेह होने पर उससे पूछताछ की थी। थाने लाकर पूछताछ करने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ। उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

डिस्क्लेमर:- हम गिरफ्तार की गई लड़की का नाम नहीं छाप रहे हैं, क्योंकि हम पुलिस की इन्वेस्टीगेशन का इंतजार करेंगे। यदि लड़की का बयान सही है और उसने वर्दी पहन कर कोई अपराध नहीं किया है तब पत्रकारिता की नैतिकता का पालन करते हुए नाम प्रकाशित नहीं करेंगे। एक ड्राइवर की लड़की ने यूपीएससी मैंस क्लियर कर लिया है। अपना एक समाचार उसका करियर खराब कर सकता है, और अपनी पॉलिसी के अनुसार यह पत्रकारिता नहीं है।

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